यह 1,636 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। वहीं टूटे आइसबर्ग का क्षेत्रफल 1484 वर्ग किमी है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, आइसबर्ग के वजन की करें तो यह करीब 315 बिलियन टन का है।
आइसबर्ग के टूटने से भूवैज्ञानिक चिंता में हैं वे लगातार इसको ट्रैक कर रहे हैं।
विशेषज्ञ इस आइसबर्ग के टूटने से भविष्य में शिपिंग के लिए खतरा बता रहे हैं।
इस हिमखंड को D 28 नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये घटना जलवायु परिवर्तन की वजह से नहीं हुई है।