आप सोच रहे होंगे कि गणित में कमजोरी का माहौल और वातावरण से क्या मतलब। जी हां ये सच है कि गणित जैसे संज्ञानात्मक विषय में कमजोरी का घर के आस पास के माहौल से गहरा संबंध है। ये संबंध खोज निकाला है चीन में किए गए एक शोध के जरिए।
दरअसल चीन में किए गए एक शोध में कहा गया है कि बच्चों की गणित जैसे विषयों की पढ़ाई पर प्रदूषण का अप्रत्यक्ष तौर पर असर सोच से कहीं ज्यादा हो सकता है। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से संज्ञानातमक संबंधी कौशल पर असर पड़ता है जिससे मौखिक और गणित परीक्षा के अंकों में कमी आ सकती है।
यानी अगर आप दिल्ली और यूपी के प्रदूषित शहरों में रह रहे हैं तो आपका गणित कमजोर होगा क्योंकि दिल्ली यूपी के कई शहरों में प्रदूषित हवा ज्यादा है। प्रदूषित हवा केवल स्वास्थ्य ही नहीं सोचने और फैसला करने की क्षमता को भी प्रभावित करती है। इससे मौखिक परीक्षा में भी परफारमेंस पर असर पड़ता है। यानी बच्चों की पढ़ाई पर घर के आस पास के प्रदूषण का बेहद बुरा असर होता है जिससे उनके करियर की दिशा भी प्रभावित होती है।
यह शोध पत्रिका पीएनएएस में प्रकाशित हुआ है। अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान में वरिष्ठ शोधार्थी शिओबो झांग ने कहा, ‘चीन के शहरों के मुकाबले भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति ज्यादा गंभीर है। मुझे संदेह है कि भारत में इसका असर बेहद बुरा होगा।’ झांग ने कहा, ‘लंबे समय तक प्रदूषित वायु में सांस लेने से मौखिक और गणित परीक्षाओं में ज्ञानात्मक प्रदर्शन में बाधा उत्पन्न होती है।’