1990 में हुआ था जन्म
प्रसिद्ध वन्यजीव फिल्म मेकर नल्ला मुत्थु के अनुसार मछली की मां के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन सम्भवत: बाघिन मछली फस्र्ट का जन्म 1990 में हुआ था। मछली फस्र्ट ने 1996 में रणथम्भौर के बकोला में तीन मादा शावकों को जन्म दिया था। इनमें से मछली भी एक थी। जन्म के दो साल बाद ही बाघिन मछली अपनी मां मछली फस्र्ट से अलग हो गई थी और उसने अपनी अलग टेरेटरी बनाई।
1991 में सामने आई थी पहली फोटो
बाघिन मछली की मां की पहली फोटो सन 1991 में सामने आई थी। जानकारी के अनुसार यह फोटो रणथम्भौर के बकोला वन क्षेत्र में तत्कालीन वन अधिकारियों ने ली थी। हालांकि इसके बाद की तस्वीरें वन विभाग के पास भी मौजूद नहीं हैं।
मां से विरासत में मिला नाम
मछली फस्र्ट के चेहरे पर एक मछली की आकृति का निशान था। ऐसे में इसे मछली नाम दिया गया। इसके शावकों में एक के माथे पर हूबहू मछली का निशान मिला। आगे चलकर यह मादा बाघिन अपनी मां के नाम पर ही मछली के नाम से जानी पहचानी गई।
मछली की संतानों में नहीं आया निशान
रणथम्भौर में मछली ने 11 शावकों को जन्म दिया था। इनमें सात मादा, चार नर शावक शामिल थे। इनमें से 2008 में सरिस्का में बीवन व बी 2 को शिफ्ट किया गया। मछली की आखिरी मादा संतान बाघिन कृष्णा है, लेकिन इतने शावकों में से किसी को विरासत में मां से चेहरे में मछली की आकृति का निशान नहीं मिला।
रणथम्भौर में मछली का विशेष योगदान है। जहां तक मछली की मां का सवाल है तो उसे मछली फस्र्ट के नाम से जाना जाता था। उसके माथे पर भी मछली का निशान था।
मनोज पाराशर, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर
यह सही है कि मछली व उसकी मां के चेहरे पर फिश की आकृति जैसा निशान था। ऐसे में मछली की मां से मछली बाघिन को यह नाम दिया गया।
नल्ला मुत्थु, वन्यजीव फिल्म मेकर।