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बुकिंग अव्यवस्थाओं के विरोध में पर्यटन व्यवसायी लामबंद, रणथंभौर में पर्यटकों को टिकट नहीं मिलने लोगों में आक्रोश

locationसवाई माधोपुरPublished: Nov 16, 2018 02:08:43 pm

Submitted by:

Vijay Kumar Joliya

www.patrika.com/rajasthan-news

sawaimadhopur

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सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटक बुकिंग प्रक्रिया में अव्यवस्थाओं के खिलाफ वाहन चालक गाइड व पर्यटन व्यवसायी लामबंद हो गए हैं। गुरुवार देर शाम होटेलियर्स, वाहन चालक, टे्रवल एजेंट आदि पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की बैठक हुई। इसमें हड़ताल पर जाने और शुक्रवार सुबह से रणथम्भौर में वाहन नहीं भेजने का निर्णय किया गया।
उधर इस संबंध में वन विभाग की ओर से एक नोटिस जारी किया गया है, जिसमें हड़ताल करने व वाहनों को पार्क भ्रमण पर नहीं भेजने पर वाहन चालकों व गाइडों के पंजीयन रद्द करने की चेतावनी है। हालांकि वन विभाग की इस चेतावनी का भी पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के निर्णय पर कोई असर नहीं पड़ा है और वह अपने हड़ताल के निर्णय पर कायम है।
इससे पूर्व वाहन चालकों, ट्रैवल एजेंटों गाइडों व होटेलियर्स आदि ने कलक्ट्रेट पहुंचकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर महेन्द्र लोढा और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर समस्या का समाधान करने और समस्या का समाधान नहीं होने पर शुक्रवार से वाहनों को जंगल में नहीं भेजने की चेतावनी से भरा ज्ञापन सौंपा।
सीसीएफ का फोन मिला बंद
ज्ञापन सौंपने गए लोगों की समस्या का सामाधान करने के लिए रणथम्भौर बाघ परियोजना के सीसीएफ वाईके साहू के मोबाइल पर फोन भी किया, लेकिन फोन बंद था। इसके बाद सीसीएफ कार्यालय में भी फोन करके जानकारी करने का प्रयास किया, लेकिन सीसीएफ कार्यालय में भी नहीं मिले।
वन विभाग अपना रहा तानाशाही रवैया
कलक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपने के बाद लोग पीजी कॉलेज के पास स्थित सीसीएफ कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां सीसीएफ नहीं मिले। इसके बाद वहां मौजूद कार्मिकों को सीसीएफ के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके बाद लोग उपवन संरक्षक कार्यालय पहुंचे और उपवन संरक्षक(पर्यटन) को ज्ञापन सौंपा। उपवन संरक्षक ने जल्द ही समाधान का आश्वासन दिया। हालांकि होटल व्यवसायियों का कहना था कि वन विभाग पर्यटकों की परेशानी समझने के स्थान पर तानाशाही रवैया अपना रहा है। उनको बुकिंग विंडों पर धक्के मारे जा रहे हैं। महिलाओं के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है।
पूर्व में ये थी सहमति
पूर्व में बुकिंग प्रक्रिया में बदलाव का विरोध शुरू हो गया था। तीस सितम्बर को इस संबंध में सीसीएफ कार्यालय पर वन अधिकारियों के साथ की वार्ता हुई थी। इस दौरान वन अधिकारियों ने सभी पर्यटकों को जंगल भेजने का लिखित में आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बाद भी नए नियमों के चलते सैकड़ों पर्यटक रोजाना भ्रमण से वंचित रहे।
पौन घंटे चेक प्वाइंट पर रोका
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में अव्यवस्थाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रणथम्भौर में हाल ही में कैंटर में भी तत्काल बुकिंग शुरू की गई थी, लेकिन तत्काल बुकिंग पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। गुरुवार को भी पर्यटकों को परेशानी हुई। विभागीय अधिकारियों ने टिकट विण्डों से टिकट जारी करने के बाद भी पर्यटकों को जंगल में प्रवेश नहीं दिया। हालांकि बाद में पर्यटकों के हंगामा करने पर नौ बजे पर्यटकों को प्रवेश दे दिया गया।
वाहनों की संख्या पूरी हो गई
नेचर गाइड उपाध्यक्ष मुकेश गुर्जर ने बताया कि सुबह सवा आठ बजे एंट्री प्वांइट पर पहुंचे लेकिन गेट पर मौजूद गार्ड ने वाहनों की संख्या पूरी होने का हवाला देकर कैंटर को जंगल में प्रवेश करने से रोक दिया। जब गार्ड से तत्काल टिकट होने की बात कही तो गार्ड ने टिकट को मानने से इंकार किया। इसके बाद एसीएफ संजीव शर्मा से फोन पर बात कराने के बाद ही कैंटर को जंगल में प्रवेश दिया गया।
आधा समय तो जाने में ही निकल गया
पर्यटकों ने बताया कि पहले तो सफारी समय शुरू होने के करीब एक घंटे बाद विण्डो से टिकट काटा गया। इसके बाद जोन तीन के गेट पर करीब पौन घंटे तक रोका गया। इसके बाद नौ बजे वाहन को प्रवेश दिया गया। इससे पर्यटक महज एक घंटे ही भ्रमण कर सके।

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