संघ प्रवक्ता बी.एस. गुर्जर ने बताया कि यादव ने अपने संबोधन में कहा कि हमें रेल को बचाने के लिए एक बड़ी और निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार हो जाना चाहिए। सरकार रेल उद्योग को बेच देना चाहती है। यह कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात है। सरकार की कारवाई न सिर्फ मजदूर विरोधी है, बल्कि भारतीय रेल के भी खिलाफ है। मजदूर संघ ने हमेशा मजदूर हितों को सबसे ऊपर रखा है। इसके लिए नेशनल फैडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मेंस के महामंत्री एम. राघवया ने रेल मंत्री से मुलाकात की है।
उन्होंने कहा कि सरकार को चेता दिया है कि यदि समय रहते निजीकरण का तुगलकी फरमान वापस नहीं लिया तो रेल कर्मचारी आंदोलन करेगा। रेल को बचाने की लड़ाई को मजबूती से लडऩा होगा। पूरी ताकत के साथ निजीकरण एवं न्यू पेंशन स्कीम जैसी कर्मचारी विरोधी नीतियों का वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ विरोध करती है। इस मौके पर केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य शाखा सचिव राजू लाल गुर्जर, मूलचंद मावई, रामचरण गुर्जर, शिव प्रकाश, रामअवतार मीणा, मुनेश माली, गोपाल वर्मा, प्रदीप तिवारी, राकेश गुर्जर, कमलेश, मनराज एवं हीरालाल आदि मौजूद रहे।