मामूली बीमारी के उपचार के लिए भी ग्रामीणों को 15 किलोमीटर का सफर तय कर कुण्डेरा जाना पड़ता है। एक वर्ष पूर्व संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल ने बसौ खुर्द के राजकीय उपस्वास्थ्य केंद्र का उदघाटन कर लोगों को डांग क्षेत्र के गांवों में अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया था, लेकिन उद्घाटन के बाद से ही चिकित्सा स्टाफ लगाना तक भूल गए।
25 लाख की लागत से बना भवन
नेहरू नव युवक मण्डल बसौ खुर्द अध्यक्ष जगदीश उर्फ़ भूरी मीणा ने बताया कि राजस्थान सरकार व बायोकॉन फाउंडेशन के साझा कार्यक्रम के तहत बसौ खुर्द में अनुमानित 27 लाख रुपए की लागत से 9 फ़रवरी 2016 को उपस्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार हुआ था। इसके बाद संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल ने उद्घाटन कर जनता के सुपुर्द किया था, लेकिन उद्घाटन के बाद किसी ने भी पलट कर नही देखा।
नेहरू नव युवक मण्डल बसौ खुर्द अध्यक्ष जगदीश उर्फ़ भूरी मीणा ने बताया कि राजस्थान सरकार व बायोकॉन फाउंडेशन के साझा कार्यक्रम के तहत बसौ खुर्द में अनुमानित 27 लाख रुपए की लागत से 9 फ़रवरी 2016 को उपस्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार हुआ था। इसके बाद संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल ने उद्घाटन कर जनता के सुपुर्द किया था, लेकिन उद्घाटन के बाद किसी ने भी पलट कर नही देखा।
जर्जर हो रहा भवन
स्थानीय ग्रामीण रामहेत पटेल, मस्तराम, वार्डपंच श्रीराम, मुकेश, गिरधारी आदि ने बताया कि उद्घाटन के बाद से ही चिकित्सा स्टाफ नहीं होने से उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन अनुपयोगी है। सार सम्भाल के अभाव में भवन जर्जर हो चुका है। चारों तरफ झाड़ियां उगी हैं। रेम्प भी धंस गया। इतना ही नहीं उपस्वास्थ्य केंद्र के पास लगे सिंगल फेज ट्रांसफार्मर को भी अज्ञात चोर चुरा ले गए।
स्थानीय ग्रामीण रामहेत पटेल, मस्तराम, वार्डपंच श्रीराम, मुकेश, गिरधारी आदि ने बताया कि उद्घाटन के बाद से ही चिकित्सा स्टाफ नहीं होने से उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन अनुपयोगी है। सार सम्भाल के अभाव में भवन जर्जर हो चुका है। चारों तरफ झाड़ियां उगी हैं। रेम्प भी धंस गया। इतना ही नहीं उपस्वास्थ्य केंद्र के पास लगे सिंगल फेज ट्रांसफार्मर को भी अज्ञात चोर चुरा ले गए।
चिकित्सा स्टाफ लगाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने मंगलवार को उपस्वास्थ्य पर सांकेतिक धरना दिया। अब ग्रामीण आगामी रणनीति बनाकर कलक्टर को ज्ञापन देकर बसौ खुर्द उपस्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा स्टाफ लगाने की मांग करेंगे।
….अब भगवान भरोसे
चिकित्सा सूत्रों का कहना हे कि श्यामपुरा सीएचसी के अधीन बसौ खुर्द उपस्वास्थ केंद्र बीते दो वर्षो तक पीपीपी मॉड पर संचालित हुआ। 31 मार्च 2018 के बाद से पीपीपी मॉड अनुबन्ध समाप्त होने के बाद से ही यहां पोस्ट वेकेंट चल रही हे। उधर ग्रामीणों का दावा हे कि बीते एक वर्ष से यह उपस्वास्थ्य केंद्र बन्द है।
चिकित्सा सूत्रों का कहना हे कि श्यामपुरा सीएचसी के अधीन बसौ खुर्द उपस्वास्थ केंद्र बीते दो वर्षो तक पीपीपी मॉड पर संचालित हुआ। 31 मार्च 2018 के बाद से पीपीपी मॉड अनुबन्ध समाप्त होने के बाद से ही यहां पोस्ट वेकेंट चल रही हे। उधर ग्रामीणों का दावा हे कि बीते एक वर्ष से यह उपस्वास्थ्य केंद्र बन्द है।
फोटो—प्रतीकात्मक तस्वीर