रोजाना बस यही ढर्रा
रोगी के परिजन बजरंगलाल, सीताराम आदि ने बताया कि जिला अस्पताल में करीब 80 चिकित्सकों के पद स्वीकृत है। ऐसे में अधिकांश पद भरे हुए है। इसके बावजूद भी जिला अस्पताल के हालात बद से बदतर हो रहे है। अक्सर चिकित्सक नियमित समय पर ओपीडी में नहीं बैठते है। पूछने पर एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है कि चिकित्सक राउण्ड पर होंगे। उन्होंने जिला कलक्टर, सीएमएचओ,
रोगी के परिजन बजरंगलाल, सीताराम आदि ने बताया कि जिला अस्पताल में करीब 80 चिकित्सकों के पद स्वीकृत है। ऐसे में अधिकांश पद भरे हुए है। इसके बावजूद भी जिला अस्पताल के हालात बद से बदतर हो रहे है। अक्सर चिकित्सक नियमित समय पर ओपीडी में नहीं बैठते है। पूछने पर एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है कि चिकित्सक राउण्ड पर होंगे। उन्होंने जिला कलक्टर, सीएमएचओ,
पीएमओ से जांच की मांग की है।
चिकित्सकों के अभाव में समय पर परामर्श व जांच भी प्रभावित: रोगियों के परिजनों ने बताया कि कई लोग चिकित्सकीय परामर्श लेने ग्रामीण अंचलों से आते है। ऐसे में समय पर चिकित्सक नहीं मिलने पर उन्हें परामर्श व इलाज मिलने में देरी हो रही है। इतना ही नहीं देरी से चिकित्सकों द्वारा देखने पर जांच नहीं हो पाती है।
चिकित्सकों के अभाव में समय पर परामर्श व जांच भी प्रभावित: रोगियों के परिजनों ने बताया कि कई लोग चिकित्सकीय परामर्श लेने ग्रामीण अंचलों से आते है। ऐसे में समय पर चिकित्सक नहीं मिलने पर उन्हें परामर्श व इलाज मिलने में देरी हो रही है। इतना ही नहीं देरी से चिकित्सकों द्वारा देखने पर जांच नहीं हो पाती है।
&तीन चिकित्सक सुबह आठ बजे बोहना व गण्डवार में जांच के लिए चले गए। कुछ डॉक्टरों की 8-8 घंटे की ड्यूटी राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में लगा रखी है। दो चिकित्सक अवकाश व ट्यूर पर थे। शेष रहे चिकित्सक आते ही पहले वार्डों में राउण्ड पर चले जाते है। फिलहाल चिकित्सकों की कमी चल रही है। फिर भी मामले की जांच कर चिकित्सकों को समय पर ओपीडी में बैठने के लिए पाबंद करेंगे।
डॉ. रंगलाल मीणा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी
डॉ. रंगलाल मीणा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी