scriptRajasthan : बैन के बाद भी धड़ल्ले से बिक रही कॉटन कैंडी, इस जानलेवा बीमारी का रहता है खतरा, पढ़ें बेहद काम की खबर | Cotton candy direct threat to children health and consumption of cancer sugar candy ban history rajasthan news | Patrika News
सवाई माधोपुर

Rajasthan : बैन के बाद भी धड़ल्ले से बिक रही कॉटन कैंडी, इस जानलेवा बीमारी का रहता है खतरा, पढ़ें बेहद काम की खबर

Cotton candy: बचपन के दिनों में हर किसी ने गुड़िया के बाल यानी कॉटन कैण्डी खाने का लुत्फ उठाया है। आज भी जब गुड़िया के बाल बेचता कोई गली मोहल्लों की सड़कों पर नजर आता है तो लोगों को अपने बचपन की याद आ जाती है। लेकिन आज के दौर में बिक रही

सवाई माधोपुरApr 12, 2024 / 10:56 am

Kirti Verma

cotton_candy.jpg

Cotton candy: बचपन के दिनों में हर किसी ने गुड़िया के बाल यानी कॉटन कैण्डी खाने का लुत्फ उठाया है। आज भी जब गुड़िया के बाल बेचता कोई गली मोहल्लों की सड़कों पर नजर आता है तो लोगों को अपने बचपन की याद आ जाती है। लेकिन आज के दौर में बिक रही

कॉटन कैंडी बच्चों के स्वास्थ्य से सीधा-सीधा खिलवाड़ है और कॉटन कैंडी का सेवन बच्चों को कैंसर की ओर भी धकेल सकता है। इस बात का खुलासा पूर्व में देश के कुछ राज्यों में की गई जांच में हुआ था। इसके बाद देश के कुछ राज्यों में सरकारों ने कॉटन कैण्डी के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगा दी थी, लेकिन इतना सब होने के बाद भी जिले सहित पूरे प्रदेश में कॉटन कैण्डी का उत्पादन और बिक्री बेरोकटोक हो रही है।

तीन राज्यों में है बैन
वर्तमान में देश के तीन राज्य पोण्डुचेरी, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु में गुडिया के बाल यानी कॉटन कैण्डी का उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। सोलन, शिमला, बिलासपुर और अन्य शहरों में इनके सैंपल भरे गए थे। इसमें हानिकारक केमिकल पाया गया है। हिमाचल प्रदेश के सोलन में 20 फरवरी 2024 को शहर से सात सैंपल भरे थे, जिन्हें जांच के लिए सीटीएल कंडाघाट भेजा था। कैंडी में कैंसर कारक तत्व पाए गए थे। इसके बाद इसके उत्पादन और बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। इसी प्रकार फरवरी में ही तमिलनाडु सरकार ने भी कॉटन कैण्डी में कैंसर कारक तत्व पाए जाने के कारण इस पर रोक लगाई थी। वहीं पोण्डुचेरी में तो इस पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है।

यह भी पढ़ें

आंधी के साथ बरसे मेघ, आज राजस्थान के इन जिलों में IMD ने जारी किया अंधड़ के साथ झमाझम बारिश का ALERT



रोडमाइन बी कैमिकल का उपयोग
तीनों राज्यों में जब कॉटन कैण्डी के सैंपल की जांच की गई थी तो उसमें रोडमाइन बी नाम का एक कैमिकल पाया गया था। चिकित्सक विशेषज्ञों की माने तो इस कैमिकल के कैंसर हो सकता है। ऐसे में तीनों राज्यों में इस पर प्रतिबंध लगाया गया था।

जिले में अब तक नहीं लिए सैंपल
देश के तीन राज्यों में जहां कॉटन कैंण्डी के उत्पादन और बिक्री को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया हैं वहीं प्रदेश में यह अब भी बेरोकटोक बिक रही है। जिले में तो आलम यह है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कॉटन कैण्डी के सैंपल लेने तक जहमत नहीं उठाई गई है। ऐसे में जिले में कॉटन कै ण्डी के नाम पर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है।

यह है इसका इतिहास
कॉटन कैण्डी का अविष्कार 1897 में अमेरिका के एक दंत चिकित्सक विलिसयम्स जॉन मोरिसन नाम के एक दंत चिकित्सक ने किया था। इसके करीब दस साल के बाद सेंट लुइस वर्ल्ड फेयर में इसे पहली बार प्रदर्शित किया गया और इसे फेयरी फ्लास नाम दिया गया। बाद में 1921 में इसका नाम बदलकर कॉटन कैण्डी किया किया। इसका कारण था कि यह रुई जैसी ही दिखाई देती है। हालांकि आस्ट्रेलिया में अभी भी इसे फेयरी फ्लास के नाम से ही जाना जाता है।

यह भी पढ़ें

राजस्थान में राहुल गांधी की चुनावी हुंकार, पीएम मोदी और भाजपा को लेकर कही ये बड़ी बातें



अभी तक हमारी ओर से कॉटन कैण्डी के सैंपल नहीं लिए गए हैं। जल्द ही सैंपल लिए जाएंगे। सैंपल की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. धर्मसिंह मीणा, सीएमएचओ, सवाईमाधोपुर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो