हर वार्ड में होंगे 15-15 लाख के कार्य
पिछले वित्तीय वर्ष में जहां प्रत्येक वार्ड में दस-दस लाख रुपए के कार्य कराए गए थे। वहीं इस वित्तीय वर्ष में 15-15 लाख रुपए के कार्य कराए जाएंगे। इसमें नाला-नाली पर फेरोकवर, सडक़ का पेचवर्क सहित अन्य विकाय कार्य शामिल हैं। परिषद क्षेत्र में कुल 60 वार्ड है। ऐसे में करीब 9 करोड़ रुपए के कार्यों के लिए निविदा निकाली थी। इसमें कार्य की प्राथमिकता तथा उपलब्ध बजट के अनुसार वर्ष भर में कार्य कराए जा सकेंगे।
क्या रहा कारण
अभी तक परिषद में यह शिकायत आती रही है कि बिना पार्षदों के संज्ञान में लाए ही उनके वार्ड में कार्य करा दिए जाते थे। जबकि उससे अधिक प्राथमिकता वाले कार्य लम्बित पड़े रहते थे। निर्धारित राशि खर्च होने के बाद वार्ड पार्षद परिषद पर कार्य कराने का दबाव डालता, लेकिन बजट अभाव के कारण कार्य नहीं हो पाता था। ऐसे में आमजनता परेशान होती थी। साथ ही पार्षद भी जरूरत वाले विकास कार्य नहीं करा पाने के कारण खफा रहते थे। इसलिए अब पार्षदों की प्राथमिकता वाले कार्यों को ही तवज्जो दी जाएगी। क्योंकि पार्षद को वार्ड की अच्छी प्रकार की जानकारी होती है।
जिससे जरूरत वाले कार्यों को किया जा सके। परिषद सूत्रों के अनुसार गत वित्तीय वर्ष शहरी क्षेत्र के कई वार्डों में पार्षदों की बिना सहमति और बिना उनकी जानकारी में लाए दस-दस लाख के विकास कार्य हो गए। जब आमजनता ने उनसे कार्य कराने की बात कही और परिषद में जानकारी ली तो पता चला कि उनका बजट तो वार्ड में खर्च किया जा चुका है।
‘प्रत्येक वार्ड में 15-15 लाख रुपए के कार्यों के लिए वार्षिक दर निविदा निकाली गई थी। अब पार्षदों की ओर से दी जाने वाली कार्यों को प्राथमिकता देते हुए कार्य कराए जाएंगे। इससे परिषद के पास रिकॉर्ड भी उपलब्ध रहेगा। साथ ही आमजनता को राहत भी मिलेगी।’ रिंकल गुप्ता, आयुक्त, नगरपरिषद, गंगापुरसिटी।
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