बता दें कि जिला अस्पताल प्रबंधन आने वाले मरीजों को 45 मिनट में इलाज सहित दवा उपलब्ध कराने की कवायद में जुटा है पर हकीकत इसके ठीक उलट है। अस्पताल आने वाले पीडि़तों को इलाज, दवा तो दूर घंटों कतार में खड़ा होने के बाद भी पर्ची नहीं मिल पा रही है।
एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
एनआइसी और ओपीडी पर्ची देने वाला वेंडर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। एनआइसी का कहना है सर्वर की कोई समस्या नहीं, वेंडर द्वारा जानबूझकर समस्या पैदा की जा रही है। पुराने कम्प्यूटर, सीपीयू के चलते व्यवस्था प्रभावित हो रही है। वेंडर सर्वर की समस्या बता रहा है। वेंडर का कहना है कि सर्वर की समस्या के चलते पर्चा नहीं बन पाता है। इससे लम्बी-लम्बी कतार लग जाती है।
एनआइसी और ओपीडी पर्ची देने वाला वेंडर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। एनआइसी का कहना है सर्वर की कोई समस्या नहीं, वेंडर द्वारा जानबूझकर समस्या पैदा की जा रही है। पुराने कम्प्यूटर, सीपीयू के चलते व्यवस्था प्रभावित हो रही है। वेंडर सर्वर की समस्या बता रहा है। वेंडर का कहना है कि सर्वर की समस्या के चलते पर्चा नहीं बन पाता है। इससे लम्बी-लम्बी कतार लग जाती है।
मासूम की हो चुकी मौत
खाम्हाखूजा निवासी रीना शुक्ला बुखार से तप रही दस माह की बेटी महिमा को लेकर 20 अगस्त को जिला अस्पताल पहुंची थी। मासूम को गोद में लिए हुए मां डेढ़ घंटे तक पर्ची के लिए जद्दोजहद करती रही पर पर्ची नहीं मिली। इलाज के अभाव में मासूम ने गोद में ही दम तोड़ दिया। लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार मासूम की मौत के बाद भी नहीं जागे हैं।
खाम्हाखूजा निवासी रीना शुक्ला बुखार से तप रही दस माह की बेटी महिमा को लेकर 20 अगस्त को जिला अस्पताल पहुंची थी। मासूम को गोद में लिए हुए मां डेढ़ घंटे तक पर्ची के लिए जद्दोजहद करती रही पर पर्ची नहीं मिली। इलाज के अभाव में मासूम ने गोद में ही दम तोड़ दिया। लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार मासूम की मौत के बाद भी नहीं जागे हैं।
केस-1
– स्थिति- नीतू पति संतराम चौरसिया निवासी मुरलीभवन 2 वर्षीय बीमार बेटी इशिता को गोद में लेकर ओपीडी पर्ची के लिए घंटों से लाइन में खड़ी थी। भीड़ में परेशान होकर वह गश खाकर गिर पड़ी। बीमार मासूम का भी हाल-बेहाल हो गया। उसे इमरजेंसी इकाई में भर्ती कराया गया।
– स्थान- ओपीडी काउंटर के सामने
– समय- सुबह 11.30 बजे
– स्थिति- नीतू पति संतराम चौरसिया निवासी मुरलीभवन 2 वर्षीय बीमार बेटी इशिता को गोद में लेकर ओपीडी पर्ची के लिए घंटों से लाइन में खड़ी थी। भीड़ में परेशान होकर वह गश खाकर गिर पड़ी। बीमार मासूम का भी हाल-बेहाल हो गया। उसे इमरजेंसी इकाई में भर्ती कराया गया।
– स्थान- ओपीडी काउंटर के सामने
– समय- सुबह 11.30 बजे
केस-2
– स्थिति- गर्भवती अनीता पति बलीराम निवासी कुलगढ़ी मानिकपुर दो घंटे से कतार में खड़ी थी। चक्कर आने पर काउंटर के सामने गिर पड़ी। उसे लेबर रूम में दाखिल कराया गया।
– स्थान- लेबर रूम
– समय- सुबह 11.40 बजे
– स्थिति- गर्भवती अनीता पति बलीराम निवासी कुलगढ़ी मानिकपुर दो घंटे से कतार में खड़ी थी। चक्कर आने पर काउंटर के सामने गिर पड़ी। उसे लेबर रूम में दाखिल कराया गया।
– स्थान- लेबर रूम
– समय- सुबह 11.40 बजे
केस-3
– स्थिति-श्यामसखी पति राजेश निवासी भुमकहर बुखार से तप रही थी। वह महिला चिकित्सक कक्ष पहुंची, जिसे पर्चा नहीं होने के कारण भगा दिया गया। एक घंटा लाइन में खड़ा होने के बाद गश खाकर गिर पड़ी।
– स्थान-आकस्मिक इकाई
– समय- दोपहर 12.00 बजे
– स्थिति-श्यामसखी पति राजेश निवासी भुमकहर बुखार से तप रही थी। वह महिला चिकित्सक कक्ष पहुंची, जिसे पर्चा नहीं होने के कारण भगा दिया गया। एक घंटा लाइन में खड़ा होने के बाद गश खाकर गिर पड़ी।
– स्थान-आकस्मिक इकाई
– समय- दोपहर 12.00 बजे