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सतना

सपनों की सतना स्मार्ट सिटी, हर काम में लापरवाही का घुन

ज्यादातर निर्माणाधीन कामों की दो-दो बार बढ़ चुकी अवधि

सतनाJun 15, 2023 / 03:11 am

Pushpendra pandey

#SATNA SMART CITY

Satna Smart city project Nectar Lake

सतना। स्मार्ट सिटी के सपने में लेटलतीफी का घुन लग चुका है। सभी प्रोजेक्ट अपने तय समय से पीछे चल रहे हैं। ज्यादातर की तो पूर्णतया अवधि दो-दो बार बढ़ चुकी है। हाल यह है कि करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी शहर स्मार्ट नहीं दिख रहा है। 2020-21 में शहरवासियों सपने दिखाए गए कि दो साल के अंदर शहर की सूरत बदल जाएगी। इसके साथ ही एक के बाद एक काम शुरू हुए। लेकिन, जैसे-जैसे काम आगे बढ़ते गए उसके साथ ही शहरवासियों की मुसीबतें भी बढ़ने लगीं। शहर में बड़े पैमाने पर तोड़-फोड़ और खुदाई की जाने लगी। स्मार्ट शहर की आस में जनता परेशानी भी सहती रही। यह बात और है कि अभी भी काम पूरे नहीं हो सके हैं।
मॉडल रोड: एक साल में पूरा होना था काम, सड़क चलने लायक नहीं

डाली बाबा चौक से लेकर सतना नदी तक रोड चौडीकरण और उन्नयन का प्रोजेक्ट मॉडल रोड के नाम से जून 2021 में प्रारंभ किया गया। यह काम एक साल में पूरा होना था। इस मार्ग के बॉटल नेक को दूर करने के लिए यहां पर बड़े पैमाने पर घरों के सामने के हिस्से भी गिराए गए। लोगों को आश्वस्त किया गया कि जल्द ही सड़क बन जाएगी। आसान ट्रैफिक मिलेगा। 2022 में पूरा होने वाला काम आज तक चल रहा है। इसी रोड पर सीवर लाइन डालने के लिए सड़क के बीच का हिस्सा खोद दिया गया है। अब यह रोड चलने लायक नहीं बची है। मिट्टी भरी सड़क में दिनभर धूल उड़ती है। लोगों के घरों का रंग बदल गया है। अभी भी काम चार महीने तक पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
प्रोजेक्ट की लागत – 17 करोड़
कितना काम हुआ – 80 फीसदी
कितना भुगतान हुआ – 66 फीसदी

Model road Satna
IMAGE CREDIT: Patrika
लेक नेक्टर: ड्रीम प्रोजेक्ट की निकली हवा
स्मार्ट सिटी का यह पहला ड्रीम प्रोजेक्ट है। तब शहर को एक शानदार पिकनिक स्पाॅट की सौगात के रूप में इसे प्रस्तुत किया गया था। 2020 में इसका काम शुरू किया गया और कहा गया था कि जनवरी 2022 में यह पूरा हो जाएगा। अब तक अधूरा है। समय सीमा तो दूर दो बार इसकी कार्यपूर्णता अवधि बढ़ाई गई। अब जुलाई में इसका काम पूरा होने की बात कही जा रही है। विलंब पर सफाई दी जा रही कि पहले टॉवर शिफ्टिंग को लेकर देरी हुई, फिर अतिक्रमण की समस्या आ गई। कुछ विलंब ठेकेदार की वजह से हुआ। डिजाइन को लेकर कन्सल्टेंट भी सवालों में है। इस काम का एक दर्जन बार अधिकारियों का निरीक्षण हो चुका है।
प्रोजेक्ट लागत – 31.69 करोड़
कितना काम हुआ – 86 फीसदी
कितना भुगतान हुआ – 84 फीसदी
वाटर स्काडा: शुद्ध पानी की आस अधूरी

शहर में सप्लाई होने वाले पानी के मैनेजमेंट के लिए स्काडा प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया। दावा है कि सप्लाई लाइन में कहीं भी लीकेज होगा तो स्काडा से अलर्ट मिल जाएगा। टंकी भरने पर अलर्ट मिलेगा। पानी की शुद्धता बताएगा। दिसंबर 2020 में इसका काम प्रारंभ हुआ। जनवरी 2022 में काम पूरा होना था। तब से अब तक दो बार पूर्णता अवधि बढ़ाई जा चुकी है। अभी भी काम पूरा नहीं हुआ है। विलंब की वजह पुरानी पाइप लाइन के वाल्व और नए एक्चुएटर फिट नहीं हो रहे थे। इससे आर्डर बदलने पड़े। अभी भी 15 वाल्व बचे हैं। जून अंत तक काम पूरा होने की बात कही जा रही है। अभी स्काडा का लाभ होता कहीं से नजर नहीं आ रहा है।
प्रोजेक्ट लागत 21.95 करोड़
कितना काम हुआ – 83 फीसदी
भुगतान हुआ – 40 फीसदी

कामों में विलंब हुआ है। कुछ विलंब कार्यस्थल की उपलब्धता और बाधाओं को लेकर हुआ तो कुछ कोरोना काल में। ठेकेदार स्तर पर हुए विलंब पर पेनाल्टी अधिरोपित हुई है। अब ज्यादातर कार्य पूर्णता की ओर है।
राजेश शाही, ईडी स्मार्ट सिटी
water scada Satna
IMAGE CREDIT: Sajal Gupta @ Patrika

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