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सतना

दिमाग में बैठा लो, अगर इस समय कोई काम सबसे महत्वपूर्ण है तो वो है निर्वाचन

प्रकोष्ठ प्रभारियों की बैठक में कलेक्टर ने नसीहतों का पिटारा खोला

सतनाMar 23, 2024 / 11:13 am

Ramashankar Sharma

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सतना। विधानसभा चुनाव ‘स्मूथली’ करा चुके कलेक्टर की पेशानी पर अभी बल है। दरअसल अफसर अभी उस ताकत पर नहीं जुट पा रहे हैं जिसकी अपेक्षा है। इस पर भी कही कोई कुछ कम करने को कह रहा है तो कहीं कोई कुछ करने देने से मना कर रहा है। लिहाजा जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा ने प्रकोष्ठ प्रभारियों की बैठक के दौरान इशारों ही इशारों में सबको सब कुछ समझा दिया। एक ओर एक अफसर को यह संदेश दिया कि इस समय अगर कोई काम सबसे महत्वपूर्ण है तो वो है निर्वाचन तो दूसरी ओर तेज रफ्तार वालों को कहा कि बदलाव मेंरे बिना एक इंच भी नहीं होगा। इधर ट्रेजरी अफसर पर चुटकी लेते हुए सभी अफसरों को यह भी संदेश दे दिया कि चुनाव तक फिसलने पर कंट्रोल रखो, बहुत काम करना है। बैठक में जिपं सीईओ संजना जैन, अपर कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े, निगमायुक्त शेर सिंह मीना मौजूद रहे।
नव आगंतुकों को समझाइश

कलेक्टर ने इस बैठक में नवागत अधिकारियों को समझाइश देते हुए कहा कि बहुत से विभाग ऐसे हैं जिनके बहुत से आवश्यक काम हैं। लेकिन आज की स्थिति में सबसे आवश्यक काम इलेक्शन का है। इसके आगे कोई काम नहीं है। लिहाजा पहले चुनाव का काम निपटाएं, इसके बाद समय मिले तो विभागीय काम देखें। दरअसल उनका इशारा ईवीएम शिफ्टिंग में लगाए गए कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर बनी स्थितियों की ओर था। नगर निगम के सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन मूल काम की प्राथमिकता को देखते हुए उन्हें मुक्त नहीं किया जा रहा था। इस पर जिला निर्वार्चन अधिकारी को दखल देना पड़ा था। दोबारा ऐसी स्थिति न बने, इसे लेकर बैठक में कलेक्टर ने चुनाव को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने कहा।
एक इंच भी बदलाव स्वीकार नहीं

चुनाव में नए अफसर प्रयोग धर्मी न बन जाएं और इस नवाचार में पूरा इलेक्शन पटरी से न उतरने लगे इसे भी ध्यान में रख कलेक्टर ने हिदायत दी। संबंधित प्रयोगधर्मी अफसरों को सुनाया कि विधानसभा चुनाव में बड़ी मेहनत और प्लानिंग के साथ सभी कार्य और जिम्मेदारी तय की गई थी। नये लोग जो हैं वो इसमें एक इंच भी बदलाव नहीं करेंगे। अगर लगता है कि कुछ बदलना है पहले मुझे बताएंगे और उसके बाद कुछ आगे का करेंगे।
चुनाव तक फिसलने पर कंट्रोल रखो
कलेक्टर ने मुद्रण संबंधी जानकारी के लिए जिला कोषालय अधिकारी (टीओ) से जानकारी ली तो वे कुछ बता नहीं पाए। बात बात पर सहायक को जवाब देना पड़ रहा था। यह देख कलेक्टर के चेहरे पर नाराजगी झलकने लगी थी। तभी कलेक्टर ने टीओ के हाथ पर बंधा प्लास्टर देख कारण पूछ लिया। जवाब आया कि फिसलने से चोट लग गई है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि चुनाव तक फिसलने पर कंट्रोल रखो, अभी बहुत काम करना है। दरअसल ट्रेजरी अफसर बैठक में भी समय पर नहीं पहुंचे थे जबकि उनका दफ्तर कलेक्ट्रेट में ही है।
फुल इलेक्शन मोड में आएं

कलेक्टर ने कहा कि लोकसभा चुनाव के संचालन के लिए गठित विभिन्न प्रकोष्ठ फुल इलेक्शन मोड में आयें और समय-सीमा में कार्यवाहियां संपादित करें। 28 मार्च से नामांकन लिए जाने का कार्य शुरू हो जाएगा। बैलेट पेपर अंतिम रूप से 8 मार्च को तैयार होकर 11 अप्रैल तक मुद्रित प्रतियों में प्राप्त होगा। इसके बाद ईवीएम की कमीशनिंग प्रारंभ होगी। इसके बीच मतदान दलों का गठन और उनका प्रशिक्षण कार्य पूरा कर लें।
460 रूट से केन्द्रों तक पहुंचेगा मतदान दल

यातायात प्रकोष्ठ ने बताया कि लोक सभा चुनाव के लिए बनाए गए 1950 मतदान केंद्रों तक मतदान दलों को पहुंचाने के लिए 460 रुट बनाए गए हैं। जिनमें मतदान दलों को लाने-ले जाने पुलिस सहित 700 वाहनों की व्यवस्था कर ली गई है। मतदान दलों को लेकर बसें 25 अप्रैल को रवाना होंगी। कलेक्टर ने कहा कि इस बार मतदान दलों के मानदेय का भुगतान उनके लौटते ही 27 अप्रैल तक तक हो जाना चाहिये। इस दौरान सभी प्रकोष्ठों की अब तक की गतिविधियों की समीक्षा की गई।

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