थाने से 500 मीटर की दूरी पर
जिस स्थान पर अवैध शराब फैक्ट्री का कारोबार संचालित था। उसकी थाने से दूरी महज ५०० मीटर है। उसके बावजूद थाना पुलिस को भनक नहीं थी। जो स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़ा करता है। जब आबकारी ने कार्रवाई शुरू की, तो आरोपियों को बचाने के लिए दबाव का खेल भी शुरू हुआ। इसमें राजनेताओं के साथ-साथ खाकी की भूमिका रही।
जिस स्थान पर अवैध शराब फैक्ट्री का कारोबार संचालित था। उसकी थाने से दूरी महज ५०० मीटर है। उसके बावजूद थाना पुलिस को भनक नहीं थी। जो स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़ा करता है। जब आबकारी ने कार्रवाई शुरू की, तो आरोपियों को बचाने के लिए दबाव का खेल भी शुरू हुआ। इसमें राजनेताओं के साथ-साथ खाकी की भूमिका रही।
शासकीय जमीन पर था कारखाना
बर्तन फैक्ट्री कोई निजि जमीन पर संचालित नहीं थी। जिसके आड़ में पूरा अवैध कारोबार चल रहा था। बल्कि ये सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई थी। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओं व पुलिस सहित अन्य विभाग को मालुम था। लेकिन, कभी किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस ओर देखना मुनासिब नहीं समझा था।
बर्तन फैक्ट्री कोई निजि जमीन पर संचालित नहीं थी। जिसके आड़ में पूरा अवैध कारोबार चल रहा था। बल्कि ये सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई थी। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओं व पुलिस सहित अन्य विभाग को मालुम था। लेकिन, कभी किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस ओर देखना मुनासिब नहीं समझा था।
पटवारी-आरआई क्या कर रहे थे
इस मामले में राजस्व अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर के बर्तन फैक्ट्री संचालित थी। लेकिन, इन मैदानी अमले के अधिकारियों ने कभी वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना तक नहीं दी। इस बात की तस्दीक करने की कोशिश नहीं कि आखिर क्या हो रहा है? जबकि आस-पास के लोगों को पूरी हकीकत मालुम थी। शिकायतें भी थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारी चुप्पी साधे रहे।
इस मामले में राजस्व अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर के बर्तन फैक्ट्री संचालित थी। लेकिन, इन मैदानी अमले के अधिकारियों ने कभी वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना तक नहीं दी। इस बात की तस्दीक करने की कोशिश नहीं कि आखिर क्या हो रहा है? जबकि आस-पास के लोगों को पूरी हकीकत मालुम थी। शिकायतें भी थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारी चुप्पी साधे रहे।
नदी किनारे अवैध शराब
वहीं टीम ने खोखरा में खोह नदी किनारे भी दबिश दी। जहां ७० लीटर अवैध शराब जब्त की गई। यहां भी आबकारी एक्ट की धारा ३४ (२) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
वहीं टीम ने खोखरा में खोह नदी किनारे भी दबिश दी। जहां ७० लीटर अवैध शराब जब्त की गई। यहां भी आबकारी एक्ट की धारा ३४ (२) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।