scriptपन्ना टाइगर रिजर्व और रानीपुर अभयारण्य के बीच बनेगा एक नया कॉरिडोर, MP-UP की सीमा में स्वच्छंद घूमेंगे वनराज | Panna Tiger Reserve-Ranipur Sanctuary new Corridor in satna Chitrakoot | Patrika News

पन्ना टाइगर रिजर्व और रानीपुर अभयारण्य के बीच बनेगा एक नया कॉरिडोर, MP-UP की सीमा में स्वच्छंद घूमेंगे वनराज

locationसतनाPublished: Sep 09, 2018 03:34:35 pm

Submitted by:

suresh mishra

जिले के जंगलों में स्वच्छंद घूमेंगे पड़ोसी जिलों के बाघ, वन विभाग को सर्वे रिपोर्ट का इंतजार

Panna Tiger Reserve-Ranipur Sanctuary new Corridor in satna Chitrakoot

Panna Tiger Reserve-Ranipur Sanctuary new Corridor in satna Chitrakoot

सतना। जिले के जंगलों में पड़ोसी जिलों के बाघ स्वच्छंद विचरण करेंगे। जिला के जंगल पन्ना व बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के नेचुरल कॉरिडोर माने जाते हैं। अब पड़ोसी राज्य यूपी के रानीपुर अभ्यारण्य में बाघों की संख्या में इजाफा हो गया है। एेसे में माना जा रहा है कि रानीपुर के बाघ कभी भी जिले के जंगलों की ओर रुख कर सकते हैं। वन विभाग के जानकारों ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व व रानीपुर अभ्यारण्य के बीच जिले के जंगलों को हरा-भरा रखकर बाघों के लिए कॉरिडोर बनाया जाएगा।
जिले में मझगवां, बरौंधा व सिंहपुर रेंज में सर्वाधिक पौधरोपण कर जंगलों को सघन करने की कवायद की गई है। बताया गया कि अप्रैल में जिले में बाघों के मूवमेंट पर कोलकाता से आए विशेषज्ञों ने एक रिसर्च किया था। वन विभाग को विशेषज्ञों की रिपोर्ट का इंतजार है जिसके बाद बाघों के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाई जाएगी। एक रेंज अधिकारी के मुताबिक जिले में वर्तमान में चार बाघ मौजूद होने के पुख्ता प्रमाण हैं।
बाघों की सुरक्षा के लिए बरती जा रही गोपनीयता
पड़ोसी जिलों से आने वाले बाघों की सुरक्षा के मद्देनजर वन विभाग इनकी निगरानी गोपनीय तरीके से करता है। कई बार उन क्षेत्रों के ग्रामीणों को भी भनक नहीं लगी बाघ के पगमार्क पाए गए थे। वन विभाग के जानकारों के मुताबिक फरवरी के बाद जुलाई में जिले के जंगल में बाघ ने दस्तक दी थी। मैहर व उचेहरा रेंज में बाघ होने की खबर के बाद वन विभाग ने गश्त बढ़ाई थी।
बाघों के लिए यहां अनुकूल माहौल

बताया गया कि बीते साल जुलाई-अगस्त में पन्ना टाइगर रिजर्व के एक बाघ ने कई दिनों तक उचेहरा व सिंहपुर के जंगल में मूवमेंट किया था। और इस साल भी संभवत: वही बाघ यहां आया होगा। इस साल जनवरी व फरवरी में मैहर, अमरपाटन व मुकुंदपुर में बाघ के पगमार्क कई जगह मिले। उप वन मंडलाधिकारी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बारिश के दौरान बाघ व अन्य हिंसक वन्य जीव स्पॉट नहीं होते हैं। जिले के जंगल में पर्याप्त हरियाली व वन्य जीवों के शिकार के लिए प्राणी मौजूद हैं इसलिए बाघों के लिए यहां अनुकूल माहौल है।
रिपोर्ट के बाद आगे बढ़ेगी कार्ययोजना
जिले में बाघों के मूवमेंट वाले इलाकों में वन विभाग की ओर से एक सर्वे कराया है। बताया गया कि अप्रैल में कोलकाता से आए वाइल्ड लाइफ साइंटिस्ट अभिजीत सरकार ने पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे जिले के जंगलों में बाघों के मूवमेंट पर सर्वे किया है। सरकार ने पन्ना रिजर्व के पी-२१२ बाघ के मूवमेंट की पूरी रिपोर्ट लेते हुए कॉरीडोर का विस्तृत अध्ययन किया है। बताया गया कि सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद वन विभाग बाघों के लिए कार्ययोजना को विस्तार देगा।
रानीपुर अभ्यारण्य में बढ़ा बाघों का मूवमेंट
जिले के जंगल से जुड़ा यूपी के रानीपुर अभ्यारण्य में इसी साल कोलकाता से लाकर तीन बाघ छोड़े गए हैं। बाघों की बसाहट के लिए कोलकाता के विशेषज्ञों का एक दल वहां के जंगल व आसपास के गांवों में सर्वे भी कर चुका है। बताया गया कि अभ्यारण्य का विस्तार देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास है। प्रस्ताव स्वीकृत हो गया तो रानीपुर में बाघों की संख्या में इजाफा होगा। विशेषज्ञ बाघों के मूवमेंट का अध्ययन कर रहे हैं। अभी तक रानीपुर के बाघों ने जिले के जंगलों की ओर रुख नहीं किया है।
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