सर्वे में पाया कि इंडिया में 40.5 फीसदी माता-पिता अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर दिन में कम से कम एक बार अपने बच्चों की एक तस्वीर या विडियो पोस्ट करते हैं, जबकि 36 फीसदी सप्ताह में एक बार अपने बच्चे की फोटो पोस्ट करते हैं। दिन में एक बार बच्चों की फोटो शेयर करने वालों में मेट्रों शहर सबसे आगे हैं।
इस तरह बरतें सावधानी
साइबर एक्सपर्ड का कहना है कि फोटो पोस्ट होने के साथ ही ज्यादातर सोशल नेटवर्क यूजर्स की लोकेशन को ट्रेक करने लगते हैं। इसलिए फोटो पोस्ट करने से पहले माता-पिता ये सुनिश्चित करें कि लोकेशन ऑफ हो। खासतौर पर तब, जब वह घर से दूर हों। इसके अलावा ये भी सावधानी बरते कि माता-पिता को अपने बच्चों की फोटो या वीडियो सिर्फ अपने पहचान वालों से ही शेयर करना चाहिए। क्योंकि इन दिनों साइबर अपराधी लोकेशन को ट्रैक कर वारदात कर देते है।
साइबर एक्सपर्ड का कहना है कि फोटो पोस्ट होने के साथ ही ज्यादातर सोशल नेटवर्क यूजर्स की लोकेशन को ट्रेक करने लगते हैं। इसलिए फोटो पोस्ट करने से पहले माता-पिता ये सुनिश्चित करें कि लोकेशन ऑफ हो। खासतौर पर तब, जब वह घर से दूर हों। इसके अलावा ये भी सावधानी बरते कि माता-पिता को अपने बच्चों की फोटो या वीडियो सिर्फ अपने पहचान वालों से ही शेयर करना चाहिए। क्योंकि इन दिनों साइबर अपराधी लोकेशन को ट्रैक कर वारदात कर देते है।
इस तरह की घटनाएं आ रही सामने
सर्वे में में बताया गया कि अधिकतर माता-पिता द्वारा ऑनलाइन फोटो शेयर करने से जुड़ी मुख्य घटनाओं में बाल यौन शोषण (16.5 प्रतिशत), पीछा करना (32 प्रतिशत), अपहरण (43 प्रतिशत) और साइबर धमकी (23 प्रतिशत) की पहचान की है। इसके बावजूद इनमें से 62 प्रतिशत ने अपने बच्चों की तस्वीरें साझा करते वक्त यह सोचने की भी जहमत नहीं उठाई कि इसमें उनके बच्चे की सहमति होगी या नहीं। आने वाले समय में बच्चे पर इसका क्या असर पड़ेगा। कोई इस फोटो का मिस यूज तो नहीं कर रहा।
सर्वे में में बताया गया कि अधिकतर माता-पिता द्वारा ऑनलाइन फोटो शेयर करने से जुड़ी मुख्य घटनाओं में बाल यौन शोषण (16.5 प्रतिशत), पीछा करना (32 प्रतिशत), अपहरण (43 प्रतिशत) और साइबर धमकी (23 प्रतिशत) की पहचान की है। इसके बावजूद इनमें से 62 प्रतिशत ने अपने बच्चों की तस्वीरें साझा करते वक्त यह सोचने की भी जहमत नहीं उठाई कि इसमें उनके बच्चे की सहमति होगी या नहीं। आने वाले समय में बच्चे पर इसका क्या असर पड़ेगा। कोई इस फोटो का मिस यूज तो नहीं कर रहा।
इस तरह हुआ सर्वे
– सर्वे में पाया गया, सबसे ज्यादा हैरत की बात यह है कि 76 फीसदी माता-पिता का कहना है कि वे अपने बच्चों की तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट करते वक्त उसके गलत हाथों में जाने के खतरे को जानते हैं।
– मुंबई (66.5 फीसदी), दिल्ली (61 फीसदी) और बेंगलुरू (55 फीसदी) वे शहर हैं, जहां पैरंट्स का मानना है कि उनके पास बिना अपने बच्चों से पूछे उनकी तस्वीरें ऑनलाइन शेयर करने का अधिकार है।
– सर्वे में खुलासा हुआ है कि अभिभावक ऑनलाइन पोस्ट करते वक्त चीजों को ज्यादा महत्व नहीं देते कि यह कैसे उनके बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। बच्चों की जानकारी पोस्ट करने से उनकी व्यक्तिगत जानकारी को भी नुकसान पहुंच सकता है।
– सर्वे में पाया गया, सबसे ज्यादा हैरत की बात यह है कि 76 फीसदी माता-पिता का कहना है कि वे अपने बच्चों की तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट करते वक्त उसके गलत हाथों में जाने के खतरे को जानते हैं।
– मुंबई (66.5 फीसदी), दिल्ली (61 फीसदी) और बेंगलुरू (55 फीसदी) वे शहर हैं, जहां पैरंट्स का मानना है कि उनके पास बिना अपने बच्चों से पूछे उनकी तस्वीरें ऑनलाइन शेयर करने का अधिकार है।
– सर्वे में खुलासा हुआ है कि अभिभावक ऑनलाइन पोस्ट करते वक्त चीजों को ज्यादा महत्व नहीं देते कि यह कैसे उनके बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। बच्चों की जानकारी पोस्ट करने से उनकी व्यक्तिगत जानकारी को भी नुकसान पहुंच सकता है।
सोशल मीडिया में अनजान आदमी को फोटो शेयर न करें। क्योंकि कई असमाजिकतत्व इसका मिस यूज करते है। साइबर सेल समय-समय पर इसकी मानीटरिंग करता है। मिस यूज की अगर शिकायत आती है तो साइबर सेल आरोपियों को ट्रैक करता है फिर मामला दर्ज आरोपियों को पकड़ा है।
राजेश भदौरिया, एसपी साइबर सेल भोपाल
राजेश भदौरिया, एसपी साइबर सेल भोपाल