scriptरीवा के निवेदिता शिशु गृह में बच्चों का हो रहा था यौन शोषण, सतना भेजने के निर्देश | Children were being sexually abused in Rewa's Nivedita Shishu Grih | Patrika News
सतना

रीवा के निवेदिता शिशु गृह में बच्चों का हो रहा था यौन शोषण, सतना भेजने के निर्देश

अमेरिका में काउंसलिंग के दौरान हुआ खुलासा, भारत सरकार को दी गई सूचना
संस्था को बंद करवा कर आनन फानन में बच्चों को सतना भेजा गया

सतनाOct 27, 2019 / 12:41 am

Ramashankar Sharma

Children were being sexually abused in Rewa's Nivedita 'Shishu Grih'

Children were being sexually abused in Rewa’s Nivedita ‘Shishu Grih’

सतना. मध्यप्रदेश के शिशु गृहों में भी बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। यह खुलासा हाल ही में रीवा की निजी संस्था निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) से गोद लिये गए बच्चों की अमेरिका में काउंसिलिंग के दौरान हुआ है। वहां मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जानकारी भारत सरकार को दी गई। विदेश से इस तरह की जानकारी मिलते ही हड़कम्प मच गया और आनन फानन में मध्यप्रदेश सरकार को इस मामले की सूचना दी गई। जिस पर महिला बाल विकास विभाग ने तत्काल रीवा कलेक्टर को संबंधित संस्था पर कार्रवाई करने के साथ ही यहां के बच्चों को अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश दिए। मामले की गंभीरता के मद्देनजर आनन फानन में शिशु गृह का लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही यहां रह रहे चार बच्चों को सतना स्थित शिशु गृह भेजने के निर्देश जारी कर दिये गए हैं। इसके साथ ही मामले को रीवा कलेक्टर ने पुलिस को सौंप दिया है। मामले को गोपनीय रखने प्रशासन ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी थी।
अमेरिकन दंपति ने लिया था गोद
मिली जानकारी के अनुसार रीवा स्थित आंचल शिशु गृह निजी संस्था निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) से गत माह चार नाबालिग बच्चों को अमेरिका निवासी क्लिंटन एवं अमाडा ने गोद लिया था। अमेरिका पहुंचे दंपति ने वहां के कानून के मुताबिक पोस्ट रिप्लेसमेंट रिपोर्टिंग के लिए बच्चों को पहले चिल्ड्रन होम एजेंसी में स्थानान्तरित किया। यहां के काउंसलर्स ने जब बच्चों की काउंसिलिंग की तो वे यह जानकर चौंक गए कि शिशु गृह में उनके साथ यौन उत्पीडऩ किया गया है। इसकी जानकारी काउंसलर ने बच्चों के अभिभावकों को देने के साथ ही भारत सरकार की संस्था कारा को दी।
मच गया हड़कम्प
भारत सरकार को जैसे ही अमेरिका सरकार की ओर से बच्चों के साथ यौन उत्पीडऩ की खबर मिली तो हड़कम्प मच गया। आनन फानन में मशीनरी सक्रिय हुई और इसकी जानकारी मध्यप्रदेश सरकार से साझा की गई। जानकारी मिलने पर महिला बाल विकास संचालनालय ने मामले की गंभीरता से कलेक्टर रीवा को अवगत कराया। इस पर गत दिवस रीवा में जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई।
लाइसेंस निरस्त, भेजने का निर्णय
जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में निवेदिता शिशु गृह में रह रहे बच्चों के सर्वोत्तम हितों को देखते हुए तत्काल प्रभाव से इन्हें निकटस्थ अन्य संस्था (मातृछाया शिशु गृह सतना) में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। साथ ही इसके लिये सीएमएचओ को निर्देश दिए गए कि इन्हें शिफ्ट करने एक एम्बुलेंस की व्यवस्था कर इनके साथ एक बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ, 2 नर्स, पुलिस विभाग की एक महिला सदस्य, बाल कल्याण समिति से एक सदस्य सहित महिला बाल विकास विभाग से एक सदस्य अनिवार्य रूप से भेजा जाए।
कलेक्टर ने बताया पुलिस को सौंपा मामला
मामले में रीवा कलेक्टर ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि संबंधित संस्था का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। जांच समाप्त होने तक कोई भी बच्चा यहां प्रवेशित नहीं कराया जा सकेगा। मामला पुलिस को सौंपते हुए तीन साल के सभी संबंधित दस्तावेज एवं सीसीटीवी फुटेज जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं। मामले में पुलिस विभाग रीवा एवं विशेष किशोर इकाई रीवा को पृथक से जांच करने और संबंधित संस्था पर आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा गया है।
सामने आई लापरवाही
इतने बड़े मामले में भी निर्णय के बाद क्रियान्वयन एजेंसियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया गया है कि 24 अक्टूबर को लिये गए निर्णय के बाद भी 26 तक बच्चों को सतना नहीं भेजा गया है। इसकी पुष्टि निवेदिता शिशु गृह के संचालक अरुणेश्वर सिंह ने भी की है।
सामने आई खानापूर्ति
बिहार के शिशुगृह में यौन उत्पीडऩ का मामला सामने आने के बाद शासन ने प्रत्येक जिले के कलेक्टर को स्पष्ट तौर पर आदेश जारी किये थे कि यहां विधिवत परीक्षण कर बच्चों की काउंसिलिंग की जाए। अगर इनका पालन गंभीरता से कर लिया गया होता तो अमेरिका में भारत की छवि खराब नहीं होती और यह मामला पहले ही सामने आ गया होता। लेकिन रीवा के अधिकारियों ने इस मामले में गंभीरता नहीं बरती।

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