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हंगामा, प्रदर्शन के बाद 5वीं बार भी बैठक स्थगित, निर्माण कार्यों को लेकर 3 घंटे सदन में चला पार्षदों का हल्ला-बोल

locationसतनाPublished: Jul 11, 2019 02:07:25 pm

Submitted by:

suresh mishra

शहर विकास से परिषद को नहीं सरोकार: पार्षदों ने अध्यक्ष से कहा- अधिकारियों ने परिषद को मजाक बना लिया है, हम पागल नहीं जो बार-बार सवाल पूछते हैं

5th time Meeting postponed in satna Municipal council

5th time Meeting postponed in satna Municipal council

सतना। शहर विकास से नगर निगम परिषद को कोई सरोकार नहीं। यही कारण है कि परिषद बैठक एक बार फिर से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। 36 दिन में यह पांचवां मौका है जब बैठक बिना बजट पास किए स्थगित हुई है। बुधवार को शुरुआती दौर से ही बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। निर्माण कार्यों को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा काटा। लंच ब्रेक के बाद पुन: बैठक शुरू हुई तो निगम अधिकारी ही गायब हो गए। इससे स्थिति फिर बिगड़ गई। पार्षदों ने अध्यक्ष अनिल जैसवाल के सामने दो टूक कहा कि अधिकारियों ने परिषद को मजाक बना लिया है। हम पागल नहीं जो बार-बार सवाल पूछते हैं।
भड़के पार्षदों को समझाने में असफल निगम अध्यक्ष ने बैठक ही स्थगित कर दी। अभी तक के घटनाक्रमों को देखा जाए तो अध्यक्ष शांतिपूर्ण ढंग से बैठक कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं। निगम कर्मचारियों से वे जानकारी उपलब्ध नहीं करवा पा रहे। दूसरी ओर पार्षद लगातार हंगामा कर रहे हैं। इससे स्थिति विकट हो रही है।
जब अध्यक्ष के सामने नीचे धरने पर बैठे पार्षद
बजट बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई। वार्डों में विकास कार्य न कराने का आरोप लगाते हुए सभी पार्षद अध्यक्ष के सामने जमीन पर बैठकर धरना देने लगे। इस पर अध्यक्ष ने पार्षदों को एक माह के अंदर सभी लंबित फाइलों का कार्य शुरू कराने का आश्वासन दिया तब सदन की कार्रवाई आगे बढ़ी। तीन घंटे चली बैठक में पार्षदों ने निगम इंजीनियरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। निर्माण कार्यों की फाइलों का लेखा-जोखा लेने में जुटे रहे। सदन को गुमराह करने के लिए चर्चित निगम इंजीनियर इस बैठक में भी आधी-अधूरी जानकारी के साथ उपस्थित हुए।
चर्चा होते ही लंच
अमृत पार्क, चौपाटी घोटाला, सीवर लाइन, जर्जर सड़क पर सवाल-जवाब के बाद बजट पर चर्चा शुरू हुई, तो अध्यक्ष ने 30 मिनट के लिए लंच ब्रेक कर दिया। लंच के बाद 4 बजे बैठक शुरू हुई, तो सदन से आधे से अधिक अधिकारी गायब रहे। इससे पार्षद भड़क गए।
महापौर-एमआईसी सदस्य अनुपस्थित
महापौर ममता पांडेय परिषद की पांचवीं बैठक में भी अनुपस्थित रहीं। उनके साथ एमआइसी सदस्य भी उपस्थित नहीं हुए। परिषद जैसी महत्वपूर्ण बैठक में महापौर का शामिल न होना नगर निगम के जनप्रतिनिधियों के बीच गुटबाजी को उजागर करता है। अध्यक्ष एवं मेयर के बीच की अनवन से शहर विकास अवरुद्ध होता जा रहा।
सदन चलाना है तो ठीक से चलाइए, वरना…
निकाय चुनाव सिर पर देख हरकत में आए पार्षद वार्डों में अधिक से अधिक विकास कार्य कराना चाहते हैं। लेकिन, नगर निगम इंजीनियरों की मनमानी के कारण उनकी सुनवाई नहीं हो रही। इसकी बौखलाहट परिषद की बैठक में खुलकर सामने आ गई। पार्षदों ने कहा कि शहर की सड़कें खुदी पड़ी हैं। लोगों के घरों में पानी घुस रहा, विकास के कार्य हो नहीं रहे और निगम अधिकारी कहने के बाद भी काम नहीं करते। अध्यक्ष द्वारा बैठक में सभी अधिकारियों को फाइल के साथ सदन में उपस्थित रहने के निर्देश के बाद भी अधिकारी उपस्थित नहीं होते। अधिकारियों की अनुपस्थिति व सदन को सही जानकारी न देने से गुस्साए पार्षदों ने कहा कि अध्यक्ष महोदय, आप सदन नहीं चला पा रहे हैं। हम लोग यहां नाश्ता करने नहीं आते। सदन चलाना है तो अधिकारियों को जानकारी से साथ बैठक में बुलाइए। हम लोग पागल नहीं जो बार-बार एक ही सवाल पूछते हैं।
रोचक बातें
– पार्षदों ने कहा कि सड़कें चलने लायक नहीं बचीं। बरसात में राह चलना मुश्किल हो गया है। पेचवर्क कब होगा? अधिकारी बोले कि अभी टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
– अध्यक्ष ने पूछा कि दूरसंचार कंपनियों ने पूरा शहर खोद डाला। उनसेसड़क मरम्मत के लिए कितने रुपए जमा कराए गए। अधिकारियों ने बताया कि एक साल में एक लाख रुपए जमा कराए हैं।
– धरने पर बैठे पार्षदों से अध्यक्ष ने कहा कि उठ जाओ…, आप लोगों की सभी फाइलंे पास करा दूंगा। इस पर पार्षद बोले कि आपकी कोई नहीं सुनता। आप कुछ नहीं करा सकते। लिखित आश्वासन चाहिए।
– वार्ड 16 के पार्षद शैलेन्द्र दहायत ने कहा कि मेरे वार्ड में 16 लाख की लागत से सामुदायिक भवन बना है। अभी लोकार्पण का पत्थर नहीं लगा और भवन में दरारें आ गईं। उसकी मरम्मत कराई जाए।
अमृत पार्क के भ्रष्टाचार की हो जांच
तीन बार से अमृत पार्क की जानकारी उपलब्ध न हो पाने के कारण स्थगित हो रही बैठक में बुधवार को भी अमृत पार्क पर हंगामा हुआ। पार्षदों ने पार्क निर्माण में खर्च हुई राशि का पूरा ब्योरा तलब किया। ४ करोड़ के पार्क में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए समिति गठित न करने पर पार्षदों ने अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठाए। कहा-पार्क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। समिति गठित कर जांच कराई जाए।
वाटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम से अंजान अधिकारी
परिषद में वाटर हॉर्वेस्टिंग का मुद्दा उठाते हुए पार्षदों ने पूछा कि जब हितग्राहियों से नक्शा पास करते समय वाटर हॉर्वेस्टिंग के लिए पैसा जमा कराया जाता है तो फिर मकानों में सिस्टम क्यों नहीं बनाया जाता? इस पर अधिकारियों ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि जिन लोगों ने मकान में वाटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम लगवा लिया है उनकी राशि वापस कर दी गई है। इस पर अध्यक्ष ने पूछा कि कितने लोगों की राशि वापस हुई तो इंजीनियर जवाब नहीं दे पाए।
अधिकारी बोले-पीएम आवास नहीं ले रहे हितग्राही
पार्षदों ने पीएम आवास का मुद्दा उठाते हुए पूछा कि पांच साल हो गए, अभी तक हितग्राहियों को पीएम आवास आवंटित क्यों नहीं किए गए? इस पर अपनी गर्दन बचाते हुए पीएम आवास प्रभारी ने कहा कि हितग्राही पीएम आवास नहीं लेना चाहते। इसलिए उनकी पात्रता निरस्त कर नए हितग्राहियों को मौका दिया जाएगा। मामले को गंभीरता से लेते हुए अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग शहर में अवैध रूप से बसे हैं उन्हें हटाया जाए। तभी वह पीएम आवास लेंगे। अपात्र करने से कुछ नहीं होगा। जो वार्डों में अवैध रूप से बचे हैं उन्हें चिह्नित कर हटाया जाए। जब वे बेघर होंगे तो पीएम आवास की राशि जमा कर देंगे। पार्षद कुदरत उल्ला बेग ने कहा कि मेरे वार्ड के निगम कर्मचारियों को भी पीएम आवास दे दिया गया है। मेरे पास पूरी फाइल है, कहिए तो नाम बता दूं।
धर्म के नाम पर जमीनों में कब्जा
वार्ड 42 के पार्षद प्रसेनजीत सिंह तोमर ने वार्ड में अतिक्रमण का मुद्दा उठाया। कहा, हवाई पट्टी के बगल में चौपाटी के लिए जमीन आरक्षित की गई थी। दो साल बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। चौपाटी की फाइल कहां है, अधिकारी कोई जानकारी नहीं दे रहे। भू-माफिया के लोग धर्म के नाम पर जमीन पर कब्जा कर रहे। कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
मेरे वार्ड की सफाई व्यवस्था चौपट
वार्ड एक की पार्षद मीना माधव ने निगम प्रशासन की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाया। कहा-मेरे वार्ड में सिर्फ तीन सफाई कर्मचारी तैनात हैं। उसमें से दो आते नहीं। पूरा वार्ड गंदगी से सराबोर है। शिकायत करने के बाद भी नाले एवं नालियों की सफाई नहीं होती। वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए। इस पर अध्यक्ष ने जल्द व्यवस्था करने का आश्वासन दिया।
पाइप लाइन का कार्य अधूरा क्यों
वार्ड 18 के पार्षद अजय प्रताप सिंह ने पाइपलाइन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ठेकेदार आधे वार्ड में पाइपलाइन डालकर भाग गया है। कहता है कि पैसा दिलाइए तब कार्य पूरा होगा। पाइपलाइन डालने का कार्य पूरा क्यों नहीं हो रहा? जलावर्धन योजना की तरह अमृत का ठेकेदार भी बिना पेचवर्क कराए भाग जाएगा। इसलिए पाइपलाइन का कार्य पूरा कर जर्जर सड़कों की मरम्मत कराई जाए।
सदन में फिर गूंजा चौपाटी घोटाला
सदन में चौपाटी घोटाले का मुद्दा फिर उठा। वार्ड 23 के पार्षद नीरज शुक्ला ने कहा कि दो साल बीत गए पर घोटाले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पार्षदों ने अध्यक्ष से चौपाटी घोटाले में क्या कार्रवाई की गई? इसकी जानकारी मांगी तो अधिकारी मौन हो गए। इस पर हंगामा शुरू हुआ तो इंजीनियरों ने पूर्व कमिश्नरों के लेटर दिखाते हुए कहा कि अगली कार्रवाई के लिए दो बार राज्य सरकार को पत्र भेजा जा चुका है। अभी तक कोई जवाब नहीं आया। इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए पार्षदों ने कहा कि चौपाटी में खुलेआम भ्रष्टाचार हुआ है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जवाबदेही तय होनी चाहिए।

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