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सहारनपुर

Worldstrokeday पैरालाइसिस अटैक (लकवा) आने पर गाेल्डन पीरियड हाेते हैं पहले 3 घंटे, जानिए उपचार

world stroke day लकवा मारने पर पहले 9 घंटे हाेते हैं बेहद महत्वपूर्ण जानिए लक्षण, कारण आैर निवारण

सहारनपुरOct 28, 2018 / 03:29 pm

shivmani tyagi

blood pressure

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सहारनपुर।

29 अक्टूबर को पूरी दुनिया में वर्ल्ड स्ट्रोक डे के रूप में मनाया जा जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि अगर पैरालाइसिस अटैक आया है तो इसमें पहले 3 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। यदि मरीज को इन पहले 3 घंटों में सही उपचार मिल जाए तो वह पहले जैसा स्वस्थ हो सकता है। पैरालाइसिस अटैक के लक्षण आैर उपचार हार्ट अटैक से बिल्कुल अलग होते हैं। यही कारण है कि, इसमें कोई भी प्राथमिक उपचार घर पर नहीं दिया जा सकता। अटैक हाेने पर आपको तुरंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए। यदि आप पहले 3 घंटे में मरीज को दिलवाने में कामयाब हो जाते हैं तो वह पहले जैसा स्वस्थ हो जाएगा और अटैक का उसके शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा
यह हम नहीं बल्कि डॉक्टर संजीव मिगलानी कह रहे हैं। सहारनपुर में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर संजीव मिगलानी गोल्ड मेडलिस्ट हैं। वर्ल्ड स्ट्रोक डे पर उन्हाेंने शहर के व्यापारियाें के साथ एक गाेष्ठी की इस गाेष्ठी में लकवा यानि पैरालाईसिस अटैक के कारण निवारण आैर लक्षण के बारे में विस्तार से बताया गया। इस गाेष्ठी में यह बात निकलकर सामने आई कि आज दुनिया में सबसे अधिक लोग हार्ट अटैक से मर रहे हैं जबकि अटैक के बाद जो सबसे खतरनाक बीमारी साबित हो रही है वह पैरालाइसिस अटैक है। पैरालाइसिस अटैक में व्यक्ति का जीवन खराब हो जाता है और व्यक्ति के शरीर का एक हिस्सा या कोई भी हिस्सा काम करना बंद कर देता है। पैरालाइसिस अटैक दाे तरह से आता है। इसमें नस बंद भी हो सकती है और नस फट भी सकती है। बगैर सिटी स्कैन या एक्सपर्ट के यह पता लगाना बेहद मुश्किल हाेता है कि काैन सा अटैक आया है। यही कारण है कि आप घर पर काेई भी प्राथमिक उपचार राेगी काे नहीं दे सकते।

ऐसे करें पैरालाइसिस अटैक का पता
आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा कि पैरालाइसिस अटैक का पता कैसे करें ? तो इसका सरल उपाय यह है कि अगर व्यक्ति का मुंह टेढ़ा होने लगे, हाथ कांपने लगे तो ऐसे में यह आशंका जताई जा सकती है कि पैरालाइसिस अटैक आया है। यह सभी पैरालाइसिस अटैक के लक्षण हैं। पैरालाइसिस अटैक का पता करने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप रोगी को एक से दस तक की गिनती गिनने के लिए कहें अगर राेगी आसानी से एक से दस तक की गिनती सही तरीके से पूरी कर देता है तो पैरालाइसिस अटैक नहीं है, अन्यथा यह पैरालाइसिस अटैक है। इसके अलावा आप रोगी को मुंह में हवा भर कर गालो को फुलाने के लिए कहेंगे और जाेर लगाते हुए मुह में हवा राेकने के लिए कहेंगे ताे राेगी हवा नहीं राेक पाएगा। इसी तरह से आप रोगी के हाथों में अपने दोनों हाथ दीजिए और उनसे कहिए कि दोनों हाथों को जोर से दबाए तो आप महसूस करेंगे कि राेगी सिर्फ एक ही हाथ से आपके हाथ काे दबा पाएंगे दूसरे से नहीं। इससे भी आप पता लगा सकते हैं कि अटैक आया है
पहले 3 घंटे क्यों है जरूरी
गोल्ड मेडलिस्ट फिजिशियन डॉक्टर संजीव मिगलानी के मुताबिक पैरालाइसिस अटैक आने पर पहले तीन घंटे गोल्डन पीरियड होता है। यही वह समय है जब पैरालाइसिस अटैक को कवर किया जा सकता है। तीन घंटे बीत जाने के बाद 9 घंटे का समय महत्वपूर्ण होता है लेकिन अगर 9 घंटे भी बीत जाएं तो ऐसे में पैरालाइसिस अटैक के मरीज को पहले जैसा स्वस्थ करना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसके बाद दवाइयों के सहारे कुछ हद तक ठीक जरूर किया जा सकता है लेकिन पहले जैसा स्वस्थ करना बेहद मुश्किल है

ऐसे बचें पैरालाइसिस अटैक से
अगर आप पैरालाइसिस अटैक से बचना चाहते हैं तो इसके लिए अपनी जीवनशैली में आपको बर्ताव करना होगा। खाने-पीने की वस्तुओं में सावधानी बरतनी होगी। जंक फूड से आपको दूर रहना होगा। अधिक शराब का सेवन आपको नहीं करना चाहिए और सुबह 4:00 बजे से 8:00 बजे तक का समय बेहद संवेदनशील होता है सर्दियों में इस समय आपको पूरे कपड़े पहन कर रखने चाहिए पैरालाइसिस अटैक ब्लड प्रेशर के रोगियों को होने की आशंका अधिक रहती है। इसलिए अगर आप ब्लड प्रेशर के रोगी हैं तो अपने रक्तचाप को संयमित रखिए नियमित रूप से चेकिंग कराते रहिए।

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