यह भी खबर है सेना भर्तीः मैदान के बाहर चल रहा था बड़ा खेल 4 गिरफ्तार, मिले ये डिजिटल उपकरण दाे माह में तैयार हुई स्कूटी इंजीनियर शिवआेम वर्मा बताते हैं कि इस स्कूटी काे तैयार करने में उन्हे करीब दाे माह का समय लग गया। वह एपीआई नाम की थ्रीव्हीलर निर्माता कंपनी में मैनेजर हैं आैर अपनी कंपनी में ही उन्हाेंने यह स्कूटी तैयार की है। दीवाली से पहले रविवार काे शिवआेम वर्मा इस स्कूटी काे लेकर अपने घर पहुंचे आैर जब पहली बार उन्हाेंने पिता काे बताया कि अब वह बाजार जाने के लिए स्वतंत्र हैं आैर तीन पहियाें वाली इस स्कूटी पर वह आसानी से शहर घूम सकते हैं ताे पिता के आंखे भार आई। कारण भी था, भला इस कलियुग में एेसे बेटे मिलता कहा हैं।
यह भी पढ़ेंः साहब ”मां” का दिल टूट जाएगा बस एक माैका दे दाे, देखिए सेना में भर्ती हाेने काे क्या-क्या जतन कर रहे युवा महज 40 हजार की लागत से हुई तैयार इंजीनियर शिवआेम वर्मा बताते हैं कि इस स्कूटी काे डिजाईन करने से लेकर बैट्री आैर माेटर का कुल खर्च अभी तक करीब 40 हजार आया है। शिवआेम यह भी बताते हैं कि अगर इस स्कूटी में लिथियम बैट्री का प्रयाेग किया जाए ताे यह अधिक रफ्तार के साथ-साथ अधिक किलाेमीटर का सफर भी एक बार में ही तय कर सकेगी।