scriptपूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी के मदरसे में बच्चों के पूजा व नमाज पढ़ने पर देवबंदी मौलवी का चौंकाने वाला बयान | Mufti Ahmad gaud praises steps of Salma Hamid for Namaz and pooja | Patrika News

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी के मदरसे में बच्चों के पूजा व नमाज पढ़ने पर देवबंदी मौलवी का चौंकाने वाला बयान

locationसहारनपुरPublished: Jul 15, 2019 06:53:21 pm

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Iftekhar

मदरसे (Madrasa) में पूजा व नमाज पढ़ने को बताया प्यार मोहब्बत का संदेश
देवबंदी (Deoband) मौलवी ने कहा, किसी को भी नहीं है विरोध करने का हक
सलमान अंसारी (Salma Ansari) चाचा नेहरू (Chacha nehru) के नाम से चला रही हैं मदरसा

Hamid ansari

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी के मदरसे में बच्चों के पूजा व नमाज पढ़ने पर देवबंदी मौलवी का चौंकाने वाला बयान

देवबन्द. अलीगढ़ (Aligarh) में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ( vice president Hamid Ansari) की पत्नी सलमा अंसारी (Salma Ansari) चाचा नेहरू (Chacha Nehru) के नाम से मदरसा (Madrasa) चला रही हैं। उन्होंने मदरसे (Madrasa) में मंदिर (Mandir) और मस्जिद (Msjid) बनाने की बात कही है। यह बात कहकर वो विरोधियों के निशाने पर आ गई हैं। वहीं, देवबन्दी आलिम (Deoband Molvi) और इत्तेहाद-ए-मिल्लत के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती अहमद गोड़ ने उनके मदरसे में नमाज और पुजा करवाए जाने के सम्बंध में कहा है कि अगर वहां, मुसलमान बच्चे नमाज पढ़ रहे हैं और हिंदू बच्चे पूजा कर रहे हैं तो इससे प्यार और मोहब्बत एकता का पैगाम जाएगा।

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मुफ्ती अहमद गौड़ ने कहा कि जिसके धर्म का जो तरीका है, वह उसी तरीके से इबादत कर रहे हैं। इससे प्यार मोहब्बत बढ़ने के साथ ही एकता का पैगाम भी जाता है। यह अच्छी बात है कि मंदिर-मस्जिद बराबर-बराबर में हैं। अगर हिन्दू बच्चे मंदिर और मुस्लिम बच्चे मस्जिद जाते हैं तो उसमें कोई हर्ज नहीं है।

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बस इस बात का ध्यान रखने के जरूरत है कि एक दूसरे से कोई मुखालफत न हो। एक दूसरे को कोई तकलीफ ना पहुंचाएं और यही मजहब का मकसद है। ईश्वर और अल्लाह ने इंसान को दुनिया में भेजा है और कहा कि अमन व चैन से रहो। आपस में फसाद मत करो। किसी को सताओ मत। किसी को परेशान न करो। किसी कमजोर पर जुल्म ना करो, उसमें कोई भी किसी भी मजहब का क्यों न हो।

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उन्होंने कहा कि हिंदू हो या मुसलमान सभी को मिलजुल कर रहना चाहिए। इससे मोहब्बत का पैगाम जाता है। उन्होंने कहा कि अगर सलमा अंसारी इंसानियत का पैगाम देना चाहती हैं और इसी के तहत किसी खास वक्त में अगर हिंदू बच्चे पूजा कर रहे हैं और मुसलमान नमाज पढ़ रहे हैं तो इसमें किसी को विरोध करने का कोई हक नहीं है।

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