नए साल पर एक दूसरे को मुबारकबाद देने को गलत बताते हुए पंडित सतेंद्र शर्मा ने कहा कि हिन्दू शास्त्रो में मार्च में प्रथम नवरात्रे को हिन्दू नव वर्ष का आरम्भ होता है। हमें उसी दिन नववर्ष मनाना चाहिए और सरकारी तौर पर भी हमारे देश में इसी दिन से नए सत्र का आगाज होता है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओ को इस परंपरा की जनकारी होनी चाहिए और यह जिम्मेदारी परिजनों की बनती है कि वह अपने बच्चों को भारतीय संस्कृती की जानकारी दें, ताकि हमारे बच्चे अंग्रेजो की परंपरा मनाने से बच सके। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे एक जनवरी को न तो एक दूसरे को नववर्ष की मुबारकबाद दें और न ही कोई जशन मनाए।
एक जनवरी को नए वर्ष की मुबारक़बाद व जशन मनाने को लेकर देवबन्द के एक आलिम मुफ़्ती तारिक कासमी ने भी साफ लफ्जों में कहा कि इस्लाम में एक जनवरी को नए साल का जशन व मुबारक़बाद देना जायज नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में तो जन्मदिन मनाना, केक काटना भी जायज नही है। इस लिए, जो इस्लाम धर्म से संबंध रखते हैं। उन्हें इस तरह की परम्पराओं से परहेज रखना चाहिए। इस्लाम धर्म में इस चीज की इजाजत बिल्कुल नहीं है।