ये बाेले उलेमा देवबंद के उलेमा मुफ्ती अहमद गाैड का कहना है वसीम रिज्वी बार-बार इस्लाम मजहब की बडी अवहेलना कर रहे थे। जो फैसला अब लिया गया है वह अच्छा है उसका स्वागत करते हैं। यह फैसला पहले ही ले लिया जाना चाहिए था। इस फैसले काे लेने में देरी हुई है। उन्हाेंने यह भी कहा है कि जिन लोगों को धर्म के बारे नहीं पता होता उन्हें धर्म के बारे में नही बोलना चाहिए। वसीम रिज्वी काे उन्हाेंने यह हिदायत भी दी है कि, वसीम रिज्वी काे इस्लामिक विद्वानाें की शोहबत में बैठना चाहिए, उनसे इल्म हांसिल करना चाहिए आैर उसके बाद ही इस्लाम पर कुछ बाेलना चाहिए। केवल किसी पार्टी को खुश करने के लिए या फिर सत्ता में बने रहने के लिए फिजूल की बाते करना कुछ भी कह देना उचित नहीं है। मौलाना कल्बे जव्वाद के फैसले को सही बताते हुए कहा उन्होने कहा कि जो कदम उठाया गया है वह सही उठाया गया है। इस कदम से उन लाेगाें काे भी सबक मिलेगा जाे बेलगाम हाे रहे हैं आैर इस्लाम के बारे में कुछ भी बाेल रहे हैं।