scriptvideo नारा बनकर रह गया वन्य प्राणी संरक्षण अभियान, जंगल में प्यास से दर्जनों वन्य जीवों का ये हुआ हाल | Wildlife conservation campaign Water borne animal death | Patrika News

video नारा बनकर रह गया वन्य प्राणी संरक्षण अभियान, जंगल में प्यास से दर्जनों वन्य जीवों का ये हुआ हाल

locationसागरPublished: Jun 14, 2019 03:13:09 pm

Submitted by:

manish Dubesy

नारा बनकर रह गया वन्य प्राणी संरक्षण अभियान, जंगल में प्यास से दर्जनों वन्य जीवों का ये हुआ हाल

Wildlife conservation campaign Water borne animal death

Wildlife conservation campaign Water borne animal death

नरेंद्र सिंह ठाकुर @ बरायठा. वन परिक्षेत्र शाहगढ़ के अंतर्गत ग्राम धवारा में पानी की समस्या के कारण कई जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है। जलसंकट की विभीषिका का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि धवारा के जंगलों में कई जानवर और जीव मृत पड़े हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गाय, बैल, बंदर, नीलगाय, गिलहरी, चिडिय़ां, मोर आदि चारों ओर दर्जनों की संख्या में मरे देखे जा रहे हैं। कई मवेशी तो दो एक दिन पहले मरे हैं लेकिन कुछ को देखकर लगता है कि पानी की तलाश में दम तोड़ दिया, इन जानवरों के अस्थि पंजर निकल आए हैं। चील कौवे तक पूरा नोंच चुके हैं। इन बुंदेलखंड विकास पैकेज के अंतर्गत बने तालाब पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए, इनमें बारिश के कुछ समय बाद ही पानी खत्म हो जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने वन्यजीवों को पानी की किसी भी प्रकार से व्यवस्था नहीं की जिससे जंगली जीवों की जान चली गई।
दर्जनों की संख्या में बंदर मरे पड़े हुए हैं। एक ओर जहां शासन वन्य प्राणी संरक्षण का नारा देती है वही यहां हालात विपरीत है विभाग के उदासीन रवैया के कारण जंगली जीव अपनी जान खोने को मजबूर हैं। एक नीलगाय सहित आधे दर्जन से ज्यादा बंदर ग्राम के तालाब के पास मरे पड़े हुए हैं। कई बंदर कुएं में पानी पीने आए तो वहीं उनकी भी मौत हो गई। वन विभाग के इस रवैया के कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोषित हैं। उन्होंने प्रशासन से वन्यजीवों के प्यासे मरने कि प्रशासन से जांच की मांग की है। मांग करने वालों में ग्राम के समस्त युवा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगर जांच
नहीं की गई तो उग्र आंदोलन
किया जाएगा।
बना दिए नहीं जानी गई तालाबों की गुणवत्ता
बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अंतर्गत 2017-18 में वन ग्राम खेरवाहा में 2 तालाब, वन बीट धवारा में दो पुराने एवं एक नया तालाब बनाया गया था। इनकी गुणवत्ता की कभी जांच नहीं की गई। कितनी गहराई है और कितने क्षेत्र में खोदा गया था इसे भी कोई बताने तैयार नहीं है।
ये जीव जंतु हैं जंगल में- नीलगाय, चीतल, बंदर, बारहसिंघा, तेंदुआ, हिरण और भी कई प्रकार के जानवर यहां पाए जाते हैं।
आस-पास के गांव- बगरोदा, झड़ौला, अदबलया, खैरवाहा, करई, नानकपुर, कानीखेड़ी, बरायठा, आलमपुर व अन्य गांव हैं।

मुझे कुछ सूचना नहीं
&वन्य प्राणी जो पानी के मृत हो रहे इस बारे में मुझे
कुछ सूचना नहीं।
विनय द्विवेदी, एसडीएम
&कम वर्षा होने के कारण जल स्रोत सूख गए हैं। हम वन विभाग द्वारा वन्य जीवों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं जिससे कि उनकी मौत न हो सके।
श्रीराम यादव, डिप्टी रेंजर, बरायठा परिक्षेत्र
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