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MP Elections 2018 लो यहां हो गई वोटिंग, 7 सेकंड में हुआ कन्फर्म जिसे दी उसे ही मिली वोट

locationसागरPublished: Sep 29, 2018 05:05:11 pm

Submitted by:

manish Dubesy

जिला प्रशासन की टीम ने ईवीएम-वीवीपैट का पत्रिका कार्यालय में किया प्रदर्शन

The vote that was given only got confirmed in seven seconds

The vote that was given only got confirmed in seven seconds

सागर. विधानसभा चुनाव में अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट देने के बाद जब उसकी कन्फर्मेशन मौके पर ही हो जाए, तो इसका उत्साह देखते ही बनता है।
जिला प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को पत्रिका कार्यालय में वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन का प्रदर्शन किया। मतदाताओं को बताया कि कैसे निर्वाचन आयोग निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने जा रहा है। मतदाताओं ने जब पूरी प्रक्रिया समझी और डमी मशीन पर वोटिंग की तो उनकी खुशी का ठिकाना
न रहा। जिला प्रशासन की टीम मेें नोडल अधिकारी ईवीएम सचिन मिश्रा, मास्टर ट्रेनर मुकेश पटेल, साकेत शर्मा, विपिन तिवारी, परमानंद सेन, सुनील सेन ने मतदाताओं की जानकारी दी।
इस दौरान टीम से मतदाताओं ने अपनी जिज्ञासावश सवाल भी किए जिनके जवाब नोडल अधिकारी ने दिए।
यह है वीवीपैट
मप्र में पहली बार चुनाव में इस्तेमाल होने जा रही वीवीपैट मतपत्र रहित एेसी मतदान प्रणाली है जिससे वोटर्स को वोट डालने के बाद तुरंत फीडबैक मिल जाता है कि उसने जिसे वोट दिया है, वह उसी को मिला है या नहीं। वीवीपैट में एक डिस्प्ले होता है जो ईवीएम पर बटन दबाने के बाद अगले ७ सेकंड तक यह बताता है कि आपने किस प्रत्याशी को वोट दिया है। इसका प्रिंट मशीन में ही कटकर गिर जाता है। इस पर्ची पर क्रमांक, नाम और उम्मीदवार का चुनाव चिह्न रहता है।
10 पॉइंट में समझें खासियत

. ईवीएम पूरी तरह टेम्पर प्रूफ है। यानी मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
. यदि कोई मशीन से जरा भी छेड़छाड़ की कोशिश करता है तो वह स्वत: बंद हो जाएगी।
. पोलिंग बूथ पर मशीन चालू होने पर वह खुद रिपोर्ट देगी कि सभी फंक्शन पूरी
तरह काम कर रहे हैं।
. पोलिंग बूथ पर वोटिंग से पहले ५० डमी वोट तक संबंधित प्रत्याशी के एजेंटों की मौजूदगी में डाले जाएंगे।
. मशीन को चालू-बंद करने पर वह रिपोर्ट देती है कि कितने बजे से कितनी देर तक मशीन चालू रही। यानी कोई मतदान कर्मी मनमर्जी से मशीन चालू-बंद नहीं कर सकता।
. सभी मशीनों में फ्रेश पावर बैकअप रहेगा। इसकी अवधि ४० से ४५ घंटे तक रहेगी। मतलब मशीन
लगातार इतने घंटे तक काम कर सकती है।
. वीवीपैट की पर्ची का कागज और स्याही ऐसी है कि यदि किसी कारणवश जरूरत पड़ी
तो इन्हें 4-5 साल तक भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।
.सभी पर्चियों की काउंटिंग नहीं होगी, लेकिन प्रत्येक विधानसभा के किसी एक पोलिंग बूथ पर एक मशीन की पर्चियों की काउंटिंग जरूरी होगी।
. किस बूथ पर काउंटिंग होनी है यह राजनीतिक दल सहमति से तय कर सकेंगे।
. किस पोलिंग बूथ पर किस सीरियल नंबर की मशीन जाएगी यह रेंडमली तय होगा।

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