. ईवीएम पूरी तरह टेम्पर प्रूफ है। यानी मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
. यदि कोई मशीन से जरा भी छेड़छाड़ की कोशिश करता है तो वह स्वत: बंद हो जाएगी।
. पोलिंग बूथ पर मशीन चालू होने पर वह खुद रिपोर्ट देगी कि सभी फंक्शन पूरी
तरह काम कर रहे हैं।
. पोलिंग बूथ पर वोटिंग से पहले ५० डमी वोट तक संबंधित प्रत्याशी के एजेंटों की मौजूदगी में डाले जाएंगे।
. मशीन को चालू-बंद करने पर वह रिपोर्ट देती है कि कितने बजे से कितनी देर तक मशीन चालू रही। यानी कोई मतदान कर्मी मनमर्जी से मशीन चालू-बंद नहीं कर सकता।
. सभी मशीनों में फ्रेश पावर बैकअप रहेगा। इसकी अवधि ४० से ४५ घंटे तक रहेगी। मतलब मशीन
लगातार इतने घंटे तक काम कर सकती है।
. वीवीपैट की पर्ची का कागज और स्याही ऐसी है कि यदि किसी कारणवश जरूरत पड़ी
तो इन्हें 4-5 साल तक भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।
.सभी पर्चियों की काउंटिंग नहीं होगी, लेकिन प्रत्येक विधानसभा के किसी एक पोलिंग बूथ पर एक मशीन की पर्चियों की काउंटिंग जरूरी होगी।
. किस बूथ पर काउंटिंग होनी है यह राजनीतिक दल सहमति से तय कर सकेंगे।
. किस पोलिंग बूथ पर किस सीरियल नंबर की मशीन जाएगी यह रेंडमली तय होगा।