गढ़ौला जागीर का तालाब 125 एकड़ का है। यह तालाब चंदेल कालीन है। सिंचाई विभाग ने सिर्फ इसमें नहरें निकाली थी लेकिन नहरें टूट गई है। इनकी मरम्मत भी नहीं हुई। तालाब उथला हो गया है। गांव के पूर्व जनपद सदस्य दिलीप सिंह राजपूत का कहना है कि तालाब का गहरीकरण कराने का हर साल प्रयास करते है। तालाब का अगर गहरीकरण हो जाए और खेती पर रोक लगाई जाए तो तालाब के पानी से दस गांवों के लोगों को खेती के लिए पानी मिलेगा और गार्मियों में भी पानी रहेगा। तालाब में पानी रहने से जल स्तर भी नहीं गिरेगा। जो हैंडपंप गार्मियों में पानी देना बंद कर देते है। उनसे भी पानी मिलेगा। मनरेगा से तालाब का गहरीकरण हो सकता है, कुछ वर्ष पूर्व तेवरा तालाब का गहरीकरण एवं मरम्मत का कार्य मनरेगा द्वारा कराया गया था।