सूचना बोर्ड तक नहीं लगाया
नगर निगम परिषद में निर्णय लिया गया था कि सीवर एजेंसी जिस भी क्षेत्र में काम शुरू करेगी वहां पर सूचना बोर्ड चस्पा करवाएगी। सूचना बोर्ड में सभी प्रकार की जानकारी उल्लेखित की जाएगी कि क्षेत्र में कितनी गहराई पर नेटवर्क बिछाया जाना है, कहां से कहां तक बिछाया जा रहा है। सूचना बोर्ड तो दूर की बात एजेंसी के अधिकारियों-कर्मचारियों के पास डीपीआर व डिजाइन का एक कागज भी मौके पर नहीं मिला।
नहीं हो रही मॉनीटरिंग
सीवर एजेंसी शहर में किस स्थान पर कैसा काम कर रही है इसकी मॉनीटरिंग करने में नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से असफल साबित हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि एजिश इंडिया नाम की एजेंसी को भी राज्य शासन ने मॉनीटरिंग के लिए नियुक्त किया है लेकिन प्रतिमाह लाखों रुपए का वेतन लेकर अब तक एक भी बार एजेंसी का फर्जीवाड़ा उजागर नहीं किया है।
पथरीले क्षेत्रों में जाने से बच रही एजेंसी
सीवर एजेंसी ने अब तक चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में एक इंच का काम भी नहीं किया है। शुक्रवारी, शनिचरी, पुरव्याऊ टोरी जैसे क्षेत्रों में नेटवर्क बिछाने में एजेंसी को ज्यादा श्रम व मेहनत करनी पड़ेगी। इस क्षेत्र में समय भी ज्यादा लगेगा। शायद यही वजह है कि एजेंसी शुरुआत से ही आसान जगहों पर ध्यान केंद्रित किए हुए है।