थम जाते हैं पहिये
सागर से जबलपुर, दमोह, छतरपुर, कटनी, टीकमगढ़ समेत अन्य जगहों के लिए प्रतिदिन सैकड़ों बसें, चार व दोपहिया वाहन इस मार्ग से निकलते हैं। मकरोनिया रेलवे कॉसिंग पर फाटक बंद होने की स्थिति में दस मिनट में ही रेलवे लाइन के दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहनों की लाइन लग जाती है। विशेषज्ञों की मानंे तो असली चुनौती तब खड़ी होगी जब आरओबी और सड़क निर्माण का कार्य शुरू होगा, क्योंकि इस मार्ग पर यातायात का दबाव ज्यादा है।