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पार्क की जमीन खुर्दबुर्द करने पर आरआई, पटवारी सहित ३ पर केस

locationसागरPublished: Nov 18, 2018 11:41:18 am

Submitted by:

Samved Jain

तिरुपतिपुरम कॉलोनी में रहवासी की शिकायत पर गोपालगंज पुलिस ने किया स्थल परीक्षण, पुराने खसरे, बंटान और नक्शों में राजस्वकर्मियों की मिलीभगत और फर्जी दस्तावेजों से किया गया फर्जीवाड़ा

पार्क की जमीन खुर्दबुर्द करने पर आरआई, पटवारी सहित ३ पर केस

पार्क की जमीन खुर्दबुर्द करने पर आरआई, पटवारी सहित ३ पर केस

सागर. तिली स्थित तिरुपतिपुरम कॉलोनी में उद्यान के लिए आरक्षित जमीन फर्जी दस्तावेज बनाकर हथियाने का मामला सामने आया है। गोपालगंज पुलिस ने शुक्रवार और शनिवार को कॉलोनी पहुंचकर उद्यान के लिए सुरक्षित भूखंड सहित खसरे में बरती गई अनियमितताओं के संबंध में स्थल परीक्षण किया।
पुलिस ने कॉलोनी निवासी अधिवक्ता की शिकायत पर जांच के बाद राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी सहित तीन के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है। कॉलोनी से भूखंड खुर्द-बुर्द किए जाने का पता चलते ही कॉलोनी के ही एक जागरूक रहवासी ने तहसील और निगम कार्यालय से दस्तावेज जुटाते हुए थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने जांच की तो भूखंड के नक्शे और खसरे में हेराफेरी की आशंका हुई, जिस पर अपराध दर्ज कर राजस्व विभाग से जानकारी जुटाई जा रही है। गोपालगंज पुलिस के अनुसार तिरुपतिपुरम कॉलोनी में उद्यान की जमीन की व्यक्ति विशेष के नाम पर वयनामा किए जाने की शिकायत थाने को अधिवक्ता रामअवतार तिवारी ने दस्तावेजों के साथ की थी। टीआइ अभिषेक वर्मा के निर्देशन में थाना पुलिस ने दस्तावेजों की जांच कर लोक अभियोजन अधिकारी से राय ली, जिसमें करीब सात हजार वर्गफीट भूखंड जो कि उद्यान के लिए आरक्षित किया गया था उसे खुर्द-बुर्द करना पाया गया। इसी नीयत से राजस्व निरीक्षक हरिदास अहिरवार और पटवारी संजय जैन द्वारा पूर्व के दस्तावेजों-नक्शों के साथ छेड़छाड़ कर नए सिरे से कॉलोनी का खसरा तैयार किया गया और उसी के माध्यम से यह जमीन अवधेश शांडिल्य के कब्जे में दे दी गई। शिकायतकर्ता ने कॉलोनाइजर अजय दुबे के भी इसमें शामिल होने के आरोप लगाए लेकिन उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं होने से पुलिस ने अवधेश शांडिल्य, राजस्व निरीक्षक हरिदास अहिरवार और पटवारी संजय जैन के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।
व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने नियम ताक पर
तिवारी की शिकायत के अनुसार उद्यान के लिए आरक्षित भूखंड किसी व्यक्ति के नाम पर किए जाने में मप्र नगर पालिका नियम ्र्र१९९८ (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्ते)का उल्लंघन किया गया है क्योंकि मूलभूत सुविधा के रूप में सुरक्षित उद्यान, पाथ वे और बंधक भूखंडों को बेचा नहीं जा सकता। लेकिन इस मामले में नपा अधिनियम १९५६, मप्र नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम १९७३, मप्र भूमि विकास नियम १९४८, मप्र भू राजस्व अधिनियम १९५९ के विभिन्न प्रावधानों की अनदेखी की गई ताकि व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाया जा सके।

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