scriptगर्मी ने टाइगर की बढ़ा दी टेंशन, नौरादेही में ऐसे देखने मिल रहे नजारे | Nauradehi Wildlife Sanctuary in tiger suffer to heat | Patrika News

गर्मी ने टाइगर की बढ़ा दी टेंशन, नौरादेही में ऐसे देखने मिल रहे नजारे

locationसागरPublished: May 07, 2018 01:29:13 pm

Submitted by:

manish Dubesy

नौरादेही अभयारण्य में कृत्रिम उपाय के बाद भी नहीं लग रहा मन

Nauradehi Wildlife Sanctuary Artificial remedies Border Tiger Radha

Nauradehi Wildlife Sanctuary Artificial remedies Border Tiger Radha

रहली. जेठ का माह भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है और खास तौर पर बाघों को गर्मी के मौसम में बहुत बेचैनी होती है। ऐसी भीषण गर्मी में कान्हा रिजर्व से लाई गई राधा बाघिन को नौरादेही अभयारण्य में बनाए गए छोटे से बाड़े में रखा गया है। जहां पर कृत्रिम छाया, पानी के इंतजाम तो किए गए हैं, लेकिन कुदरती इंतजाम के नाम पर कुछ भी नही, जानकारों की मानें तो बाघिन को अनूकूल वातावरण देने के लिए कुदरती हवा, छाया, पानी की आवश्यकता है, ऐसे मौसम में बाघिन राधा गर्मी से बेचैन हो सकती है। अभी पिछले दिनों राधा का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें वह बाड़े में यहां से वहा छाया तलाश कर रही थी, इसके पहले कृत्रिम पानी के स्त्रोत में अठखेलियो की बात भी सामने आई थी।

Nauradehi Wildlife Sanctuary Artificial remedies Border Tiger Radha


इन सबसे यही प्रतीत होता है कि बाघिन को अब प्राकृतिक वातावरण में छोड देना ही लाजमी होगा। नौरादेही अभयारण्य के अधिकारियों का कहना है कि अभी बाघिन को बाड़े से छोडऩे में वक्त लगेगा। वहीं दूसरी ओर जानकारों का कहना था कि बाघ के नौरादेही अभयारण्य में आने पर बाघिन को जंगल में छोडा जाएगा, लेकिन बाघ के आने और बाड़े से भागने के बाद अफसरों के बयान भी बदल गए,और राधा ज्यो की त्यों बाड़े में ही रह गई।

Nauradehi Wildlife Sanctuary Artificial remedies Border Tiger Radha

जल स्त्रोत के पास बाघ ने बनाया अपना ठिकाना
वन्य प्राणियों के जानकारों के अनुसार बाघों को गर्मी के मौसम में अधिक बेचैनी होती है और शायद यही कारण रहा की कुछ घंटों में ही बाघ बाड़े से निकल कर खुले जंगल में जल स्त्रोत के पास उसने अपना इलाका बना लिया। कॉलर आईडी लगने के बाद विभाग द्वारा लगातार उसकी लोकेशन ली जा रही है। अफसरों की मानें तो बाघ और बाघिन दोनों स्वथ्य हैं और नौरादेही का वातावरण उनके लिए अनुकूल है। डीएफओ रमेशचंद्र विश्वकर्मा ने बताया की अभी बाघिन को और दिन बाड़े में ही रखा जाएगा। इस दौरान हम बाघ को ट्रेस करेंगे वह कितनी बार बाघिन के बाड़े के यहां आता है एवं उससे कितना प्रभावित है, दोनों का आपस में व्यवहार कैसा है चूंकि बाघ अधिक ताकतवर है और इस कारण बाघिन को छोडऩे से पहले सभी पहलुओं पर अध्यन किया जाएगा। प्रोजेक्ट के सभी कार्य गाइड लाइन के अनुसार ही हो रहे है। सभी परिस्थतियों से संतुष्ट होने के बाद ही बाघिन को छोड़ा जाएगा। बाड़े में बाघिन के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो