scriptजिम्मेदारों की अनदेखी, सवा साल बाद भी मकरोनिया मार्ग अधूरा | Makaroniya road incomplete even after three years, ignoring the respon | Patrika News

जिम्मेदारों की अनदेखी, सवा साल बाद भी मकरोनिया मार्ग अधूरा

locationसागरPublished: Nov 12, 2018 12:40:39 pm

Submitted by:

Sanket Shrivastava

आधे से ज्यादा सड़क का निर्माण बाकी

जिम्मेदारों की अनदेखी, सवा साल बाद भी मकरोनिया मार्ग अधूरा

जिम्मेदारों की अनदेखी, सवा साल बाद भी मकरोनिया मार्ग अधूरा

सागर. जीरो माइल्स से मकरोनिया चौराहे तक का आधा-अधूरा निर्माण लोगों की मुसीबत बन गया है। समय सीमा के बाद महीनों बीतने के बाद सड़क का आधा काम भी नहीं हो सका है। आज भी यहां से गुजरने वाले हजारों राहगीरों को गड्ढों और धूल के गुबार के बीच से निकलना पड़ रहा है। लोगों की इस परेशानी को लेकर पीडब्ल्युडी के जिम्मेदार तो लापरवाही बरत ही रहे हैं और प्रशासनिक स्तर पर भी अब तक दखल नहीं हो रहा है। प्रशासन की ओर से मिल रही इसी छूट का फायदा उठाकर ठेकेदार भी आए दिन काम बंद कर बैठ जाता है और इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।
लंबे समय से बंद है काम
जीरो माइल्स से मकरोनिया तक बनने वाले मार्ग का काम जुलाई-२०१७ में शुरू किया गया था। इस बीते करीब सवा साल में दर्जनों बाद काम रोका गया है। कभी बारिश का बहाना तो कभी भुगतान न होने के कारण काम बंद किया गया। इस बीच निर्माण एजेंसी ने लीपापोती की कोशिश भी की गई, लेकिन मामला उजागर हो गया। रविवार को जब पत्रिका टीम ने सड़क निर्माण का जायजा लिया तब भी यही हाल नजर आया। जीरो माइल्स से लेकर मकरोनिया चौराहे तक न तो निर्माण एजेंसी का कोई कर्मचारी नजर आया और न ही सुपरविजन कर रहे पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, लेकिन जिस भी आम व्यक्ति से सड़क को लेकर चर्चा की वह इसकी दुर्दशा और जिम्मेदारों को कोसता नजर आया।
सागर और मकरोनिया के बीच प्रतिदिन करीब २० हजार से ज्यादा लोगों की आवाजाही रहती है। क्योंकि इसी मार्ग से होकर दमोह, जबलपुर, छतरपुर, टीकमगढ़, नरसिंहपुर, बंडा, गढ़ाकोटा सहित उप्र के लिए जाने वाले वाहन गुजरते हैं।
यह है स्थिति
टेंडर के अनुसार सड़क निर्माण के अलावा यहां पर पेड़ों की कटाई, नाली, पेवर ब्लाक, बिजली लाइन शिफ्टिंग सहित फुटपाथ का काम किया जाना है। इसमें से अब एक भी काम पूरा नहीं हो सका है। न तो सड़क निर्माण पूरा हुआ न नाली बनी, बिजली लाइन शिफ्टिंग और पेड़ों की कटाई भी अधूरी है।

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