अभियोजन के मीडिया प्रभारी के अनुसार पुरव्याऊ टौरी पर रहने वाले महेश चौरसिया ने 8 दिसम्बर 2020 की रात कोतवाली थाने में पुत्र की हत्या की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके अनुसार वारदात की रात 10.30 बजे महेश चौरसिया घर के दरवाजे पर खड़े थे तभी मंदिर के पास से उन्हें अपने पुत्र छोटू उर्फ अभिषेक के चीखने की आवाज सुनाई दी। जब वे वहां पहुंचे तो कुछ लड़के छोटू के साथ मारपीट कर रहे थे। छोटू ने बताया कि वह विवाह समारोह से लौट रहा था तभी आदित्य सोनी, गट्टू नामदेव ने उसे पीछे से चांटा मारकर गालियां दी। महेश ने ऐसा करने से मना किया तो उन्होंने अपने साथियों को बुला लिया और छोटू सोनी, टम्पी उर्फ सचिन, बल्लू सोनी, ओमप्रताप सोनी, पीयूष चौरसिया, अब्बू यादव, दीपक रैकवार व तीन- चार अन्य ने आते ही कटर, चाकू व कांच की बोतल से हमला कर दिया। हमले में पिता- पुत्र जख्मी हो गए। छोटू को पेट, जांघ व अन्य जगह चाकू- कटर लगने से वह बेसुध हो गया। चीख- पुकार सुनकर मोहल्ले के लोग वहां आ गए तो हमलावर भाग निकले। मोहल्ले के लोग छोटू उर्फ अभिषेक को अस्पताल लेकर पहुंचे जबकि महेश ने वारदात की शिकायत थाने में की। जब वे वापस अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने छोटू को मृत घोषित कर दिया। वारदात की सूचना पर पुलिस ने अस्पताल में शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम कराते हुए आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज कर जेएमएफसी एवं नाबालिगों का चालान बाल न्यायालय में पेश किया। जेएमएफसी कोर्ट से प्रकरण सत्र न्यायालय में भेज दिया गया। जिस पर विचारण के दौरान गवाह और साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन पक्ष दोषसिद्ध करने में सफल रहा। इस पर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शिवबालक साहू ने अमन नामदेव, आदित्य सोनी, बलराम सोनी व ओमप्रताप सोनी को आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं प्रकरण के अन्य आरोपियों पर आरोप सिद्ध न होने पर संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया है।