सागरPublished: Apr 24, 2019 12:55:33 am
vishnu soni
46 व्यापारियों ने एक साल में केवल 70 हजार रुपए ही जमा किया
नई मंडी में व्यापारियों ने अस्थाई मीटर का नहीं जमा किया बिल
खुरई. नई कृषि उपज मण्डी समिति में घोष विक्रय प्रारंभ हुए लगभग एक वर्ष पूर्ण हो चुका है, लेकिन किसी भी व्यापारी के पास बिजली कनेक्शन नहीं है, जबकी लगभग 46 व्यापारी मण्डी में किसानों का अनाज क्रय कर रहे हैं। सभी व्यापारियों को मण्डी समीति द्वारा विद्युत प्रवाह उपलब्ध कराया जा रहा है। कुछ माह पूर्व व्यापारियों की अस्थाई दुकानों में सब मीटर लगाये गये है। लेकिन मण्डी के बाहर स्ववित्तीय योजना के तहत बनाई गई 68 दुकानों में विद्युत मीटर नहीं लगाए गए हैं। जितनी भी दुकाने खुली हुई है। वह मुफत बिजली जला रहे है। व्यापारियों ने एक वर्ष में मात्र 70 हजार रुपए बिजली शुल्क जमा कराया है। जबकि कृषि उपज मण्डी समीति का औसतन बिल लगभग 16 से 18 हजार रुपए प्रतिमाह आ रहा है। ऐसा वहां पर पदस्थ लिपिक पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया। विद्युत व्यवस्था के बारे में सचिव अशोक श्रीवास्तव संवाददाता को कुछ नहीं बता पाए। उन्होंने जानकारी के लिये लिपिक पुष्पेन्द्र सिंह को बुलाया। वह भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए।
नई कृषि मण्डी में व्यापारियों को लगभग 400 रुपए/वर्गफीट की दर से जमीन आवंटित किये जाने का टैडर मण्डी समीति ने निकाला था। लगभग आधा दर्जन नए व्यापारियों ने प्लॉट खरीद भी लिए थे लेकिन बडे व्यापारियों ने इसलिए प्लॉट खरीदने में रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि उन्हें इसका मालिकाना हक नहीं मिल रहा है, हालांकि सबसे पहले विज्ञप्ति 48 रुपए प्रति वर्गफीट की निकाली गई थी, लेकिन उसे मण्डी प्रशासन ने निरस्त कर दिया। इस वजह से लंबे समय से नई मण्डी में घोष विक्रय प्रारंभ नहीं
हो सका था।
पुरानी मंडी में जगह कम होने की वजह से मण्डी शिफिटंग आवश्यक थी। तब स्थानीय प्रशासन ने मण्डी में टिन शेड लगाकर अस्थाई रूप से दुकानें बनवा कर व्यापारियों को अलाट करा दी थी। एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी मण्डी प्रशासन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं कर सका है, जो स्थिति एक वर्ष पूर्व थी वही
आज है।
कृषि उपज मण्डी समीति ने तीस किलो वाट का विद्युत कनेक्शन लिया है। हमारे पास किसी व्यापारी का व्यक्तिगत कनेक्शन के लिए आवेदन नहीं आया है। स्ववित्तीय योजना के तहत बनाई गई दुकानों के धारकों को विद्युत कनेक्शन लेना पडेगा, अगर बिना कनेक्शन के बिजली का उपयोग होता पाया गया तो बिजली चोरी का प्रकरण बनाया जा सकता है।
मुकेश मर्सकुले, एई बिजली कंपनी
व्यापारियों की अस्थाई दुकानों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सब
मीटर लगाए गए हैं।
अशोक श्रीवास्तव, सचिव कृषि उपज मण्डी समीति खुरई
मण्डी समीति ने 6 माह पूर्व बिजली शुल्क के नाम पर सभी व्यापारियों से 70000 हजार रुपए जमा कराए थे। सब मीटर में हमारी जो भी रीडिंग आएगी। हम सब व्यापारी जमा करने
को तैयार है।
जयेस मोदी, सचिव गल्ला व्यापारी संघ खुरई