महापौर १००० अवैध कॉलोनियां बता चुके
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल और नगर निगम के रिकॉर्ड के विपरीत महापौर ने पिछले दिनों शहर में करीब एक हजार अवैध कॉलोनियां होने की बात कही थी। इसके विपरीत राजस्व विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक अवैध कॉलोनियां की संख्या अलग है तो वहीं नगर एवं ग्राम निवेश के आंकड़े कुछ और कह रहे हैं। इस मामले में सवाल यह उठता है कि शहर में हकीकत में सैकड़ों अवैध कॉलोनियां हैं तो फिर राज्य शासन ने कुछ चुनिंदा कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय कैसे ले लिया? निगम के पास वर्तमान में वैध की जाने वाली कॉलोनियों की संख्या व नाम भोपाल से नहीं पहुंचे हैं।
इस आधार पर अवैध को कर रहे वैध
31 दिसम्बर 2016 से पूर्व तक बसी ऐसी कॉलोनी, जिनमें कम से कम 10त्न बसाहट हो, उसमें 70त्न रहवासी निम्न आय वर्ग के होंगे, तो विकास व्यय की मात्र 20त्न राशि रहवासियों से ली जाएगी। शेष 80% राशि स्थानीय निकाय और राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी। अन्य कॉलोनियों में आधी-आधी राशि रहवासियों और नगरीय निकाय एवं राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी।
लोकायुक्त में भी चल रहा मामला
शहर की चार अवैध कॉलोनियों का मामला लोकायुक्त में चल रहा है जिसमें पुलिस में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। लोकायुक्त ने इसी आधार पर शहर की अन्य अवैध कॉलोनियों के मामले में भी निगम प्रशासन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन शासन के इस निर्देश के बाद कई फर्जीवाडि़यों को राहत मिल जाएगी।
राजस्व अमला खास तौर पर पटवारियों ने अपने उच्च अधिकारियों को सही जानकारी प्रेषित नहीं की है। पटवारियों और कॉलोनी बनाने वालों के बीच सांठगांठ रही होगी। नगर निगम क्षेत्र में ही पिछले १५ वर्षों में एक हजार अवैध कॉलोनियां बनी हैं।
-अभय दरे, महापौर