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गणेश चतुर्दशी, इस मंत्र के साथ करें पूजा फिर घर में विसर्जन

locationसागरPublished: Sep 23, 2018 01:24:43 pm

Submitted by:

manish Dubesy

अनंत चतुर्दशी आज: गाजे-बाजे के साथ बप्पा को देंगे विदाई

Ganesh Chaturdashi worship this mantra with immersion at home

Ganesh Chaturdashi worship this mantra with immersion at home

सागर. अनंत चतुर्दशी पर रविवार को दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन होगा। सार्वजनिक स्थानों और घरों में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। शनिवार को देर रात तक हवन-पूजन का दौर चलता रहा। शहर में ऐसे अनेक भक्त हैं, जिन्होंने मिट्टी से बनी गणेशजी की प्रतिमाएं विराजमान की हैं। सदर निवासी बरखा केशरवानी 15 साल से मिट्टी के गणेश की स्थापना करती आ रही हैं। वह घर पर ही प्रतिमा का विसर्जन करती हैं। स्टेट बैंक कॉलोनी निवासी उदय खेर हर वर्ष मिट्टी के गणेश की स्थापना करते हैं, घर पर ही गणेशजी की प्रतिमा तैयार करके पात्र में ही विसर्जित करते हैं। इस वर्ष भी ऐसा किया।
यह मिलेगा फल
पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि उत्सव की गरिमा तभी है, जब उससे मानव जाति का कल्याण हो। उत्सवों की परिकल्पना के पीछे भी यही भाव है। हमारे ऋषि-मुनियों ने जितने भी उत्सव निर्धारित किए हैं, उनका उद्देश्य जीव, जगत और जगदीश के बीच चेतना के सूत्र को ही विभिन्न रूपों में प्रतिष्ठित करना था। गणेश उत्सव यही संदेश देता है। जल से ही समूची सृष्टि का जन्म हुआ है। स्नान, संकल्प, तर्पण, मार्जन और धरती का सिंचन जल के बिना असंभव है। मनुष्य की लौकिक और पारलौकिक प्रगति और पूर्णता जल में ही निहित है। अत: गणेशजी की जो प्रतिमाएं चतुर्थी पर घरों में स्थापित की गईं, उनका विसर्जन घर में
ही करें।
विसर्जन के लिए शुभ चौघडिय़ा मुहूर्त
सुबह का मुहूर्त (चार, लाभ, अमृत) 9 बजे से 12 बजे
दोपहर का मुहूर्त (शुभ)
1.30 बजे से 3 बजे
शाम का मुहूर्त (प्रयोग)
6 बजे से 10.10 बजे
रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चार) ०1.30 बजे से 3 बजे तक
गमले में बीज बोएं विसर्जन करने के बाद गमले में एक बीज बोएं, ताकि हमें पौधे
के रूप में सदैव बप्पा का
आशीर्वाद मिलता रहे।
पानी डालें गमले में रखकर पानी में विलीन होने तक प्रतिमा का जल अभिषेक करें और उनका
सम्मान करें।
गमले में रखें विघ्न-विनाशक की पूजा-अर्चना कर घर में ही गमले में उन्हें श्रद्धापूर्वक रखें और उनका विसर्जन करें।

एेसे करें पूजा
घर में कलश स्थापित कर व्रत का संकल्प लें। कलश पर शेषनाग के ऊपर लेटे भगवान विष्णु की मूर्ति या फोटो रखें। उनके सामने चौदह गांठ वाला अनंत सूत्र का एक जल पत्र खीरा से लपेट कर ऐसे घुमाएं जैसे समुद्र मंथन किया गया था। मंथन के बाद ऊं अनंतायनमरू मंत्र से भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की विधि से पूजा करें और फिर पुरुष दाएं और महिलाएं बाएं हाथ में बांधे।
सूत्र बांधने का मंत्र
अनंन्त सागर महासमुद्रे मग्नान्समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंत रूपे विनियोजितात्माह्यनन्त रूपायनमोनमस्ते।।
पंडित शिवप्रसाद ने बताया कि चतुर्थी पर घरों में भगवान गणेशजी की प्रतिमाएं स्थापित की गईं, उनका विसर्जन घर में ही करें।

पूजा के साथ बांधें अनंत सूत्र, कष्टों का होगा निवारण
भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी पर मंगलवार को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाएगा। यह माना जाता है कि जब महाभारत में पांडव अपना सारा राज-पाट जुआ में हारकर वनवास पर थे तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने को कहा था। इस दिन अनंत भगवान जी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि अनंत भगवान की पूजा करने के बाद संकट से सबकी रक्षा करने वाला अनंतसूत्र जरूर बांधें।

चल समारोह वाले स्थानों पर दोपहर 1 बजे से नहीं चलेंगे वाहन
गणेश विसर्जन के दौरान निकलने वाले चल समारोह को ध्यान में रखते हुए यातायात प्रशासन ने कटरा क्षेत्र में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई है। कटरा बाजार, गुजराती बाजार, साबूलाल मार्केट, नमक मंडी, तीन मडिय़ा, भगवानगंज आदि क्षेत्र से चल समारोह निकाले जाना है। इस वजह से इन इलाकों में दोपहर १ बजे से विसर्जन होने भारी वाहन सहित ऑटो-रिक्शा, चैंपियन आदि का प्रवेश निषेध किया गया है। उक्त वाहनों का भगवानगंज, राहतगढ़, वनवे से कटरा की ओर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

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