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ई-हॉस्पिटल सेवा , दो दिन से ओपीडी काउंटर पर पर्ची बनना बंद, कागज में लिखी दवाएं

locationसागरPublished: Sep 23, 2018 05:44:38 pm

Submitted by:

manish Dubesy

शुरू होते ही सामने आने लगी खामियां, सॉफ्टवेयर खराब होने से बनी परेशानी

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सागर. जिला अस्पताल को ई-हॉस्पिटल का दर्जा मिल चुका है। हालही में इसका उद्घाटन हुआ था। मरीजों को पर्ची पर यूनिक आइडी नंबर दिए जाने की सुविधा शुरू हो चुकी है, लेकिन पिछले दो दिन से ओपीडी काउंटर पर पर्चियां बनना बंद हो गई हैं। इस वजह से मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। सादे कागज में डॉक्टर मरीजों को दवाएं और जांच लिख रहे हैं। एेसे में डॉक्टरों को भी इन पर्चियों पर साइन करके देने पड़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराब आने से यह स्थिति बनी हुई है।
रोजाना 300 मरीज पहुंच रहे अस्पताल
मौसमी बीमारी के चलते जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं, डिलेवरियां भी ज्यादा हो रही हैं। एेसे में ओपीडी पर्ची के अलावा भर्ती पर्ची तक इस असुविधा के कारण बनना बंद हैं। वर्तमान में यहां पर हर रोज २५० से ३०० मरीज उपचार कराने के लिए पहुंच रहे हैं। काउंटर पर दस रुपए में एपीएल वालों के लिए पर्चियां बनती हैं। अभी सादे कागज में इन से दस रुपए शुल्क लिया जा रहा है।
मरीजों की आफत, नहीं मिलते वार्ड बॉय
ट्रामा यूनिट में शुरू हुई कैज्यूल्टी में रात के वक्त मरीजों को चक्कर लगाकर वार्ड तक पहुंचना पड़ रहा है। परेशानी की बात यह है कि रात के वक्त मरीजों और घायलों को वार्ड या ओपीडी तक ले जाने के लिए वार्ड बॉय नहीं मिलते। स्ट्रेचर के लिए भी परिजनों को परेशान होना पड़ता है। वहीं, वार्ड तक जाने के लिए काफी दूर तक मरीजों को चलना पड़ता है। देखा जाए तो रात के वक्त आने वाले अधिकांश मरीजों को यहां के डॉक्टर अटैंड नहीं करते। बल्कि सीधे उन्हें सीधे बीएमसी रैफर कर दिया जाता है।
&सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी थ्की शिकायत दर्ज करा दी गई थी। सुबह पर्चियां नहीं बन रहीं थी, लेकिन दोपहर को पर्चियां बनी है। मै और पता करवाता हूं।
डॉ. डीके गोस्वामी, नोडल अधिकारी इ-हॉस्पिटल

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