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जनसुनवाई से दूरी, सीएम हेल्प लाइन का सहारा..? ३०० से घटकर पहुंची ४०-५० पर

-कलक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के हाल, अंचलों से शिकायत लेकर पहुंचने वालों की संख्या में आई भारी कमी-सीएम हेल्प लाइन में हर महीने दर्ज हो रही दो हजार से ज्यादा शिकायतें

सागरMar 22, 2023 / 11:30 am

आकाश तिवारी

-कलक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के हाल, अंचलों से शिकायत लेकर पहुंचने वालों की संख्या में आई भारी कमी -सीएम हेल्प लाइन में हर महीने दर्ज हो रही दो हजार से ज्यादा शिकायतें

-कलक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के हाल, अंचलों से शिकायत लेकर पहुंचने वालों की संख्या में आई भारी कमी-सीएम हेल्प लाइन में हर महीने दर्ज हो रही दो हजार से ज्यादा शिकायतें


दमोह. शासन द्वारा जन समस्याओं के निपटारे के लिए आयोजित की जा रही जनसुनवाई से जनता का मोह धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। पहले जहां ३०० सौ से ज्यादा शिकायतें जनसुनवाई के दौरान आती थी। वहीं अब इनकी संख्या ४०-५० के आसपास पहुंच चुकी हैं। शिकायतकर्ता भी खुलकर जनसुनवाई को महज औपचारिकता ही बताने लगे हैं।
इस मंगलवार को भी जनसुनवाई में भीड़ न के बराबर ही रही। दोपहर १ बजे ही जनसुनवाई बंद हो गई थी। कलक्टर व एसडीएम शिकायतकर्ताओं के न होने से अपनी सीट से उठ गए थे और जनसुनवाई बंद हो गई थी।
कलक्टर से अपनी शिकायतें लेकर गांवों से आने वाले ग्रामीणों की संख्या भी बेहद कम हो गई है। संगठनों के बेनर तले भले ही ग्रामीण अपनी परेशानी जनसुनवाई में बयां कर रहे हों, लेकिन अब अपनी निजी समस्या लेकर पहले की तरह बड़ी संख्या में ग्रामीण आने से बच रहे हैं। इसकी बड़ी वजह शिकायतों का समय पर निदान न होना है। पेचीदा मामलों में तो पीडि़तों द्वारा कई बार जनसुनवाई में ज्ञापन सौंपे जाते हैं, लेकिन उनकी परेशानी दूर नहीं हो पाती है।
-कोविड के बाद से असर हुआ कम
कोविड महामारी के बाद से जनसुनवाई में शिकायतों का सिलसिला कम हुुआ है। हालांकि पिछले एक साल से कोविड की स्थिति में सुधार हुआ है, पर जनसुनवाई में अभी भी लोग शिकायतें करने से पीछे हट रहे हैं।
-सीएम हेल्प लाइन पर भरोसा
जनसुनवाई में शिकायतों की जगह ग्रामीण अब सीएम हेल्प लाइन का सहारा ले रहे हैं। राजस्व मामलों की बात करें तो एक हजार से ज्यादा शिकायतें हर महीने दर्ज हो रही हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें भी शामिल हैं। ओवर ऑल देखें तो हर महीने औसतन २००० शिकायतें सीएम हेल्प लाइन में की जा रही हैं, जिनके निपटारे को लेकर शासन स्तर से दबाव भी डाला जा रहा है।
-नपा में गप्पें करते दिखे शिकायत सुनने वाले
नपा कार्यालय में सुबह ११ बजे जनसुनवाई के दौरान एक भी आवेदक नहीं दिखाई दिया। शिकायत सुनने वाले कर्मचारी आपस में बैठकर एक दूसरे से गप्प लड़ाते हुए दिखाई दिए। पूछने पर बताया कि हर मंगलवार १० से १५ शिकायत करने वाले लोग ही आते हैं।
७० फीसदी आवेदनों में मांग होती हैं..
जनसुनवाई हो या फिर सीएम हेल्प लाइन, इन दोनों माध्यमों के जरिए ७० फीसदी से ज्यादा आवेदन मांग आधारित ही रहती है। किसी को गरीबी रेखा में नाम जुड़वाना है। तो किसी को पीएम आवास का लाभ चाहिए। ऐसी स्थिति में पात्र को ही उसका लाभ दिया जाता है।
एसकृष्ण चैतन्य, कलक्टर दमोह

 

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