सागरPublished: Nov 16, 2018 03:18:19 pm
manish Dubesy
राजनीतिक दलों की मनमानी
mp election 2018
शिकायत के बाद सख्त हुआ चुनाव आयोग, कार्रवाई के दिए हैं निर्देश
सागर. निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी प्रकार की चुनाव प्रक्रिया में बच्चों को शामिल न करने के निर्देश जारी किए हैं, लेकिन राजनीतिक दल आयोग के इन निर्देशों को हवा करने में जुटे हैं। राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे आचार संहिता के उल्लंघन पर प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। यही कारण है कि शहर से लेकर अचंल तक सभी विस क्षेत्रों में बच्चे चुनावी रैलियों से लेकर जनसंपर्क और सभाओं में भीड़ बढ़ाते नजर आ रहे हैं। इसमें कोई एक दल नहीं बल्कि सभी दलों के नेता नियमों का माखौल उड़ा रहे हैं। जबकि आयोग ने प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को चुनावी प्रक्रिया में बच्चों को शामिल करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं।
प्रदेश के जनसंगठनों ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा, चुनावी सभाओं, जनसंपर्क और इसी तरह के दूसरे कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री के साथ-साथ भाजपा-कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवारों द्वारा बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इतना ही नहीं शिकायत में यह भी कहा गया था कि चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों द्वारा बच्चों के अधिकारों का तो उल्लंघन किया ही जा रहा है, इसके अलावा मतदाता जागरूकता के नाम पर गैर राजनीतिक संगठन और सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। राजनीति दल जहां चुनावी सभाओं में भीड़ बढ़ाने और जनसंपर्क में बच्चों का उपयोग कर रहे हैं तो अधिकारी-कर्मचारी जागरूकता के नाम पर बच्चों को भीड़ के रूप में जुटा रहे हैं।
यह हैं आयोग के निर्देश
शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने भी सख्ती के साथ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिसमें कहा गया है कि राजनीतिक दल और निर्वाचन अधिकारी निर्वाचन प्रक्रिया में बाल श्रमिकों को नहीं लगाएंगे। निर्वाचन अधिकारियों या राजनैतिक दलों द्वारा बच्चों को निर्वाचन संबंधी किसी भी प्रकार की गतिविधि में शामिल नहीं किया जाएगा। यह निर्देश मप्र के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विकास नरवाल के हस्ताक्षर से सभी कलेक्टर्स को जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि चुनावों में बच्चों के इस्तेमाल को रोकने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाए और इनका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें।