वर्ष-2017 में हुई थी सफाई
स्वच्छता सर्वेक्षण-2017 के तहत शहर की सभी टंकियों का रंगरोगन किया गया था। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष टंकियों की सफाई भी की गई थी। नियमानुसार साल में कम से कम दो बार टंकियों की सफाई किया जाना अनिवार्य है लेकिन निगम प्रशासन ने इस मामले में बड़ी लापरवाही की है।
40 प्रतिशत शहर डायरेक्ट सप्लाई से पीता है पानी
राजघाट बांध की सप्लाई कुछ वार्डों में डायरेक्ट होती है। शहर में मात्र पांच ओवरहेड टैंक ही है जिनसे सप्लाई की जाती है। करीब 18 से 20 वार्डों की जनता डायरेक्ट सप्लाई से पानी भरती है जिसके कारण यहां पर ओवरहेड टैंकों की भूमिका समाप्त ही है। शहर में दूषित व मटमैला पानी आने की शिकायत के बाद अब निगम प्रशासन ने सभी ओवरहेड टैंकों की सफाई करवाने का निर्णय लिया है।
यहां मिली अव्यवस्था
– काकागंज शमशानघाट के पास स्थित ओवरहेड टैंक पर किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिली।
– पुरव्याऊ वार्ड की टंकी पर भी यही अव्यवस्था देखने को मिली। तैनात कर्मचारी ने बताया कि 7 महीने पहले सफाई हुई थी।
– कैंट क्षेत्र में आने वाली ककरयाऊ घाटी क्षेत्र की टंकी पर भी सफाई संबंधी कोई जानकारी लिखी नहीं मिली।