कलेक्ट्रेट भवन के पिछले हिस्से में स्थापना शाखा की खिडक़ी के सामने कलेक्ट्रेट के कर्मचारी कौशलेन्द्र प्रसाद साहू की बाइक खड़ी थी। दोपहर 12.30 बजे कौशलेंद्र की नजर बाहर गई तो एक युवक बाइक में बार-बार चाभी लगा रहा था। कर्मचारी ने युवक टोकते हुए पूछा तुम्हारी बाइक है, चोर ने बेखौफ होकर कहा, हां ये मेरी बाइक है। इस पर कर्मचारी ने सुरक्षाकर्मियों को सूचना दी। सुरक्षाकर्मी जैसे ही बाहर निकले चोर बाइक छोडक़र भागने लगा।
कर्मचारी पकडऩे के लिए दौड़े तो वह गेट के बाहर निकल चुका था। इस बीच कोर्ट की ओर से आ रहे एक वकील ने युवक को दबोच लिया, जबकि उसका एक साथी फरार हो गया। पकड़े गए बाइक चोर की कर्मचारी धुनाई करने लगे। तभी वीडियो बना रहा टीकर निवासी संजय सोनी व एक अन्य व्यक्ति ने पकड़े गए युवकों को पेशी में आने का कहकर छोडऩे की बात कही तो कर्मचारियों ने तीनों को पकड़ कर धुनाई की और फिर अधीक्षक कक्ष में बंद कर दिया। बाइक में चाभी लगाते पकड़े गए युवक ने अपना नाम बिछिया निवासी कृपाशंकर त्रिपाठी बताया है।
उसने कहा कि वह पेंशन कार्यालय आ रहा था। उसके दोस्त रावेन्द्र पाठक ने चाभी देकर बाइक लाने को कहा था। टीकर निवासी रामप्रसाद सोनी ने बताया कि संजय मेरा भतीजा है, डिप्टी कलेक्टर के यहां पेशी पर आए थे। कलेक्टर कार्यालय के अधीक्षक रमेश श्रीवास्तव ने इसकी सूचना सिविल लाइन पुलिस को दी। दो सिपाही मौके पर आए। सिपाहियों की सूचना के करीब दो घंटे के बाद पुलिस की गाड़ी चोरों को लेने पहुंची। पुलिस की कछुआ चाल कार्रवाई से कर्मचारियों में असंतोष रहा।
कलेक्ट्रेट में बाइक चोरी करते पकड़े गए युवक से कर्मचारियों ने मास्टर चाभी बरामद की है। उस चाभी को कर्मचारियों ने अलग-अलग बाइक में लगाकर चेक किया तो एक दर्जन से ज्यादा बाइक के लॉक खुल गए। सबसे ज्यादा होंडा गाड़ी के लॉक खुले। मास्टर चाभी को कलेक्टर कार्यालय के अधीक्षक के पास जमा कर दिया है।
कलेक्ट्रेट परिसर से कर्मचारी और फरियादियों की एक साल में 28 से अधिक बाइक चोरी जा चुकी हैं। दस दिन पहले कलेक्टर के सहायक स्टोनो सगीर खान की साइकिल चोरी हो गई। इससे पहले खाद्य शाखा के कंप्यूटर ऑपरेटर संजय यादव की दो बार बाइक गायब हो चुकी है। इसी तरह पखवाड़ेभर पहले कोषालय और हुजूर एसडीएम के रीडर की बाइक चोरी हो गई थी। भू-अभिलेख रिकार्ड भी गायब हो चुके हैं।
कलेक्ट्रेट परिसर में हो रही चोरियों को लेकर कलेक्टर प्रीति मैथिल ने पुलिस अधीक्षक से चर्चा की थी। इसके बावजूद चोरों पर लगाम लगाने में पुलिस नाकाम है। कर्मचारियों ने अपनी बाइक की स्वयं सुरक्षा करना शुरू किय तो चोर पकड़े गए।