भगवान अनंतनाथ का प्रात: अभिषेक किया गया। इसके बाद दिगम्बर जैन मंदिर से शोभा यात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा में सबसे आगे धोड़े पर सवार युवा ध्वजा लिए हुए चल रहे थे। इसके बाद धर्मावलम्बी थे। बैंड-बाजे, डीजे की धुन पर भजन गाते हुए लोग चल रहे थे। यात्रा में विप्र सागर मुनी शामिल हुए। भगवान अनंतनाथ का रथ पुरुष वर्ग सफेद वेश-भूषा में खींच रहे थे।
पीले रंग की साडिय़ों में महिलाएं भजन गाती हुई नृत्य करते हुए चल रही थीं। सभी महिला-पुरुष बच्चे अहिंसा मयी जैन धर्म की जय, जियो और जीने दो, अहिंसा परमो धर्म की जय, जैन साधू देख लो त्याग करना सीख लो के नारे लगाते हुए चल रहे थे।
शोभा यात्रा के समापन पर क्षमावाणी पर्व का आयोजन किया गया। जिसमें सभी महिला-पुरुष बच्चे वृद्ध एक दूसरे से क्षमायाचना कर रहे थे। वर्ष भर जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए एक-दूसरे से माफी मांगी। दिगम्बर जैन कल्याण समिति के उपाध्यक्ष अतुल जैन ने बताया कि क्षमा वीरस्य भूषणम् जैन धर्म की अलग पहचान समाज में देता है।
पयुर्षण पर्व के अवसर पर दस धर्म उत्तम क्षमा, उत्तम आर्जिव, उत्तम संयम, उत्तम त्याग, उत्तम आणिंचन, उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के विषय पर मुनि विप्र सागर महाराज ने बताया। बुधवार प्रात: एवं शाम पं. ज्ञान चन्द्र शास्त्री ने दस सद्कार्यों पर प्रकाश डाला।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता जैसे उपसर्ग विजेता, भजन प्रतियोगिता, पेंटिंग, कहानी, भाषण प्रतियोगिता, मेमोरी प्लस प्रतियोगिता, दीप जलाओ मंदिर सजाओ, गरबा, फैन्सी, प्रश्नमंच, बत्ती जलाओ, नाटक मंचन का आयोजन किया। जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में अध्यक्ष नेयीचंद्र जैन, उपाध्यक्ष अतुल जैन, मंत्री राजेश जैन, उपयंत्री संजय जैन, कोषाध्यक्ष पीसी जैन, राजेश सिंघई, दिनेश जैन, रवि जैन, दिनेश जैन, गोतड़ी जैन, इंजी केसी जैन, अरुण जैन, राजेन्द्र जैन, ऋषभ जैन, आनंद, अतुल जैन सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे।