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रीवा के स्कीम नंबर-6 का बवाल रुका नहीं और अब इसमें उलझ गए अफसर

locationरीवाPublished: Aug 25, 2019 09:03:58 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

योजना क्रमांक आठ में चहेतों को प्लाट की शिकायत- लोकायुक्त ने मामले की जांच के लिए प्रकरण किया स्वीकार्य


रीवा। नगर सुधार न्यास बोर्ड द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि में व्यापक पैमाने पर विसंगतियां सामने आई हैं। अभी तक स्कीम नंबर छह के मामले की फाइलें खुलने से हड़कंप मचा हुआ है, इसी बीच स्कीम नंबर आठ में भी जांच की मांग उठाई गई है।
स्कीम नंबर आठ के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान यह कहा गया था कि यहां पर भूखंड उन लोगों को दिए जाएंगे जो लंबे समय से रीवा शहर में रहकर कार्य कर हरे हैं। इसमें यह शर्त थी कि एक परिवार को एक ही प्लाट दिए जाएंगे लेकिन जब सुधार न्यास बोर्ड नगर निगम में समाहित हुआ तो निगम के अधिकारियों ने मनमानी पूर्वक इसके प्लाटों का आवंटन करा दिया।
लोकायुक्त भोपाल के पास इसकी शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने की है और कहा है कि इसमें आवंटित सभी भूखंडों की नए सिरे से जांच कराई जाए और जहां पर नियम विरुद्ध कार्य हुए हैं, संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। इस शिकायत पर लोकायुक्त कार्यालय की ओर से शिकायत कर्ता को बताया गया है कि उनकी शिकायत को स्वीकार किया गया है।
वहीं इसके पहले संभागायुक्त से भी शिकायत बीके माला की ओर से की गई थी। इसी तरह स्कीम नंबर आठ के मामले की जांच के लिए तिवरिगवां निवासी दिनेश सिंह, विनय पाण्डेय सहित अन्य ने भी नगर निगम आयुक्त से शिकायत की है और कहा है कि जिस तरह से स्कीम नंबर छह के फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है, उसी तरह स्कीम नंबर आठ की भी जांच कराई जाए।
शिकायत में रामवक्श तिवारी नाम के व्यक्ति को किए गए आवंटन का उदाहरण दिया गया है और बताया गया है कि इनके परिवार से जुड़े चार लोगों को प्लाट दिए गए हैं, जबकि एक प्लाट ही एक परिवार में देने का नियम है। पूरे मामले की जांच की मांग उठाई गई है। निगम की ओर से अभी इस पर कोई कार्रवाई प्रारंभ नहीं की गई है, अधिकारियों का कहना है कि अभी स्कीम नंबर छह में ही इतना अधिक मामला उलझा हुआ है कि आगे की जांच के लिए समय नहीं है, बाद में उस पर कार्रवाई होगी।

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