जिले में अध्यापकों को 1 जनवरी 2016 से ६वें वेतनमान का लाभ एरियर्स के रूप में दिया जा रहा है। शासन ने अध्यापकों की सेवा पुस्तिका का जिला पंचायत से परीक्षण करने के बाद एरियर्स, डीए और क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने का निर्देश दिया है। संकुल स्तर पर सेवा पुस्तिका की जांच कर परीक्षण के लिए जिला पंचायत कार्यालय भेजी जाती हैं। रविवार दोपहर एक वीडिया वायरल हुआ है।
कटरा संकुल में लंबे समय से पदस्थ सहायक ग्रेड-3 लिपिक बिरेन्द्र सिंह संकुल क्षेत्र के मध्यविद्यालय देउर के अध्यापक अनिल ङ्क्षसह और राजेन्द्र ङ्क्षसह से एरियर्स भुगतान के नाम पर पैसे ले रहा है। पैसे कम होने पर पूरा चुकता की भी बात कही है। हैरान करने वाली बात यह कि अनिल की मां कैंसर पीडि़त है, अनिल ने कई बार संकुल के लिपिक से आग्रह किया, इसके बाद भी एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया।
अध्यापक की मां कैंसर पीडि़त
मां के इलाज के लिए अनिल ने लिपिक को रिश्वत दिया। शिक्षकों के अनुसार अनिल के साथ में राजेन्द्र सिंह ने भी एरियर्स भुगतान के लिए पैसा दिया है। अध्यापकों ने इसकी शिकायत अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष सहित विभागीय अधिकारियों को दी है। मामले में संकुल अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह ने अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष को पत्र भेजा है साथ ही अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग उठाई है।
जिले के ज्यादातर अध्यापकों के एरियर्स, डीए के भुगतान का बिल लिपिकों ने कार्यालय में दबा रखा है। बताया गया कि अध्यापकों की सेवा पुस्तिका जिला पंचायत में परीक्षण के बाद ही ६वां वेतनमान का एरियर्स, डीए, क्रमोन्नति आदि का लाभ दिया जाता है। इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए संकुल स्तर पर बाबुओं का खेल चल रहा है।
मुझे जानकारी मिली है। इसकी वास्तविकता का पता लगाया जा रहा है। जांच कराने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-अंजनी कुमार त्रिपाठी, डीईओ रीवा