जिले में जय किसान फल ऋण माफी योजना के तहत अभी तक कुछ बैकों की लिस्ट अपलोड नहीं होने से किसान परेशान हैं। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि पचास फीसदी से अधिक ग्राम पंचायतों में कर्ज से प्रभावित किसानों की लिस्ट पहुंच गई है। किसान संबंधित सचिव, सरपंच और रोजगार सेवकों के संपर्क में आ गए हैं। जिन किसानों का नाम लिस्ट में है उनकी बांछे खिल गई हैं। वे आवेदन भरने की प्रक्रिया में जुट गए हैं। प्रक्रिया चालू होने के बाद अभी तक पचास फीसदी ग्राम पंचायतों में कर्ज माफी की लिस्ट नहीं पहुंची है। जिले में ८२७ ग्राम पंचायते हैं। जिले में २.२३ लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ होगा। ज्यादातर ग्राम पंचायतों में लिस्ट नहीं पहुंचने से किसान परेशान हैं। प्रभावित किसान सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक से संपर्क करने के साथ कार्यालयों में पहुंचकर जानकारी ले रहे हैं।
ऑनलाइन लटकी किसानों की लिस्ट जिले में ऐसे किसानों की लिस्ट ऑनलाइन प्रक्रिया में लटकी है जिन्होंने मध्यांचल, कोऑपरेटिव से ऋण लिया है। कृषि अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार देरशाम तक मध्यांचल बैंक और कोऑपरेटिव बैंक की कुछ लिस्ट ऑनलाइन अपलोड नहीं हो सकी है।जिससे पंचायतों में नहीं पहुंच सकी है। बताया गया कि ज्यादातर पंचायतों में किसानों की आधी-अधूरी लिस्ट भेज दी गई है। पंचायतों में लिस्ट पहुंचने से सरपंच-सचिव और रोजगार सहायकों के घर किसानों का जमावड़ा लग रहा है। कुछ किसानों का नाम लिस्ट में नहीं होने से वे मायूष लौट रहे हैं।
डिहिया-नर्सिंगपुर सीएफटी पर किसानों ने भरा आवेदन फसल ऋण माफी योजना के तहत किसानों के आवेदन भरने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। शुक्रवार को रीवा के डिहिया नरसिंहपुर सीएफटी के ग्राम डिहिया, भटलों, सिलपरा, रौसर, बैसा, पड़ोखर, बांसी, तमरा व पडिय़ा के 61 किसानों ने ऋण माफी आवेदन पत्र भरे। सीएपटी प्रभारी सहित संबंधित अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि आवेदन पत्र भरने की निगरानी के लिए ग्राम पंचायतों के क्लस्टर में जिला स्तरीय अधिकारी तैनात किए हैं जो ग्राम पंचायतों का भ्रमण करके किसानों के आवेदन पत्र भरने की निगरानी कर रहे हैं। ग्राम पंचायतों में 25 जनवरी तक सभी किसानों के आवेदन पत्र भरवाकर उनकी सूची तैयार की जाएगी।