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Good news…मध्यप्रदेश में मिला जलस्रोतों का अपार भंडार, इसरो ने भेजी फोटो

locationरीवाPublished: Jan 27, 2019 07:08:52 pm

Submitted by:

Manoj singh Chouhan

सत्यापन कराएगा प्रशासन, तहसीलदारों को कलेक्टर ने सत्यापन के लिए दिया निर्देश

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रीवा. जिले में कई ऐसे जलस्रोत हैं जिनका संरक्षण नहीं होने से अनदेखी का शिकार हो गए हैं। इसमें कई ऐसे हैं जिनके बारे में प्रशासन को भी पता नहीं है, जिसकी वजह से उनके संरक्षण के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। हाल ही में इंडियन स्पेश रिसर्च आर्गनाइजेशन (इसरो) ने एक तस्वीर भेजी है, जिसमें जिले के सभी जलस्रोत दिखाए गए हैं। कलेक्टर के पास आई इस तस्वीर में दिखाए गए जलस्रोतों का सत्यापन करने के लिए सभी तहसीलदारों को पत्र भेजा गया है। वे पटवारी या अन्य स्टाफ के माध्यम से मौके पर जाकर हर जलस्रोत की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को सौंपेंगे।
कलेक्टर ने कहा है कि जो पहले से संरक्षित स्रोत हैं, उनकी वर्तमान दशा के बारे में भी जानकारी तैयार करें। रीवा जिले में २० वर्षपहले तक १५५६ तालाब थे, जिनके पानी का उपयोग आम लोग करते थे। धीरे-धीरे भूमाफिया एवं अन्य लोगों की नजर इसमें लग गई, जिसकी वजह से इन पर तेजी के साथ कब्जा किया गया। कई ऐसे तालाब हैं जहां कॉलोनियां बसा दी गई हैं, यहां पानी का स्रोत पूरी से बंद हो चुका है। बीते साल विधानसभा में सरकार ने जानकारी दी थी कि रीवा जिले में ११२५ तालाब बचे हैं। जलसंसाधन विभाग को भी शासन ने कुछ समय पहले ही निर्देशित किया है कि नदी, तालाब, झरने सहित जितने भी प्राकृतिक जलस्रोत हैं, उन सबके संरक्षण के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। अधिकारियों ने अब तक उदासीन रवैया अपनाया था लेकिन कलेक्टर ने इसरो से तस्वीर मिलते ही सभी तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
वन भूमि में कई जलस्रोत
इसरो की तस्वीर में बताया गया है कि वन भूमि के क्षेत्र में कई जगह पानी देखा गया है। इन सबका सत्यापन कराया जाएगा और वन विभाग इन स्राोतों के संरक्षण की योजना बनाएगा। इससे जंगली क्षेत्र में रह रहे जानवरों को भी पानी पीने की सुविधा होगी साथ ही हर समय पानी की उपलब्धता से जलस्तर बढ़ेगा तो पौधे भी जल्द तैयार होंगे।
कुछ समय पहले ही इसरो ने रीवा के जलस्रोतों की फोटो ली थी, जो हमारे पास भेजी हैं। इन स्रोतों का भौतिक सत्यापन कराने के लिए तहसीलदारों को निर्देशित किया है। प्रयास होगा कि जिले के सभी प्राकृतिक जलस्रोत संरक्षित किए जाएं ताकि भूजल स्तर ठीक रहे और पेयजल समस्याएं न हो।
ओमप्रकाश श्रीवास्तव, कलेक्टर

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