नगर निगम के कमिश्नर ने अधिकारियों के साथ गौशाला का निरीक्षण कर वहां की वस्तु स्थिति का जायजा लिया है। इसके बाद आदेश जारी किया है कि यहां से मवेशियों को निगम की अनुमति के बाद ही छोड़ा जाए। भ्रमण के दौरान उन्होंने कई अव्यवस्थाएं भी देखी थी, जिसमें पाया गया था कि मवेशियों के रखरखाव के ठीक से इंतजाम नहीं किए गए हैं। गौशाला प्रबंधन के पास यह हिसाब भी नहीं मिला था कि जो मवेशी पकड़कर लाए जाते हैं उन्हें कितने दिनों तक गौशाला में रखा गया और कब उन्हें फिर से छोड़ दिया गया।
शहर की सड़कों पर आवारा घूम रहे मवेशी सबसे अधिक ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। दर्जनों की संख्या में एक साथ सड़कों पर घूमते हैं जिसकी वजह से कई बार वाहन चालक द़ुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इसमें मवेशियों की भी मौत होती है। जिसकी वजह से सड़क का आवागमन बाधित होता है। इतना ही नहीं वार्डांे की कालोनियों में भी ये मवेशी खुलेआम घूमते हैं। जिनसे मोहल्लों के लोगों को परेशानी हो रही है। निगम कार्यालय में कई बार इन मवेशियों पर कार्रवाई के लिए शिकायतें लेकर लोग पहुंचते रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
शहर के लोगों ने कमिश्नर से शिकायत की थी कि सड़कों पर जो मवेशी घूमते हैं उन्हें पकड़ा नहीं जाता, कभी कभार पकड़ा भी जाता है तो लक्ष्मणबाग गौशाला वाले तुरंत छोड़ देते हैं। इस पर कमिश्नर ने कर्मचारियों से जानकारी ली तो पता चला कि गौशाला वाले यह कहते हुए अक्सर मवेशी स्वीकार ही नहीं करते कि उनके यहां अधिक संख्या में पहले से हैं। वहीं जो पहुंचाए जाते हैं उन्हें छोड़ दिया जाता है। इसीलिए उन्होंने गौशाला का भ्रमण कर आदेश जारी किया है कि नगर निगम की बिना अनुमति जानवरों को नहीं छोड़ा जाए।
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शहर की सड़कों में घूम रहे आवारा मवेशियों की वजह से आम लोगों को परेशानी होती है। साथ ही मवेशी भी दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। इसलिए इन्हें गौशाला में शिफ्ट किया जाएगा और उनसे कहा गया है कि निगम की बिना अनुमति मवेशियों को नहीं छोड़ें।
सभाजीत यादव, कमिश्नर नगर निगम