दरअसल आवारा जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा जा रहे थे। कुछ स्थानीय लोगों ने उनको बैकुंठपुर थाने के पल्हान गांव के मुक्तिधाम की बाऊंड्री के अंदर बंद कर दिया था जहां पर जानवर एक सप्ताह से बंद थे और भूख प्यास से तड़प रहे थे। जानवर मरने की कगार पर पहुंच गए थे।
शुक्रवार को एक व्यक्ति ने डायल 100 को प्वाइंट दिया और गायों को बंधक बनाकर रखने की जानकारी दी। सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस मौके पर पहुंच गई। गायों की हालत देखकर खुद पुलिस के भी होश उड़ गए। पुलिस ने तत्काल बाऊंड्री के अंदर भरी गायों को मुक्त कराया। एक-एक करके सभी गायों को मैदान में चरने के लिए छोड़ दिया।
इनमें से ज्यादातर गाय तो स्थानीय लोगों की थी जिन्होंने उनको गांव में छोड़ दिया था। पुलिस ने स्थानीय लोगों को भी अपने जानवर बांधकर रखने की हिदायत दी है ताकि वे फसलों को नुकसान न पहुंचाए। पुलिस की इस कार्रवाई ने गायों को भी जीवनदान दिया है।
फसलें बर्बाद कर देते हैं आवारा जानवर
ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा जानवर फसलों के लिए सबसे बड़ा संकट है। लोग अपने जानवर खुले छोड़ देते है जो फसलों को नुकसान पहुंचाते है। जानवरों से फसलों को बचाने के लिए किसान पूरी रात रखवाली करता है। लाख प्रयास के बाद भी किसानों को उक्त समस्या से मुक्ति नहीं मिल रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा जानवर फसलों के लिए सबसे बड़ा संकट है। लोग अपने जानवर खुले छोड़ देते है जो फसलों को नुकसान पहुंचाते है। जानवरों से फसलों को बचाने के लिए किसान पूरी रात रखवाली करता है। लाख प्रयास के बाद भी किसानों को उक्त समस्या से मुक्ति नहीं मिल रही है।