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न्यायालय का आदेश लेकर भटक रहे अतिथि शिक्षक, प्राचार्य नहीं कर रहे नियुक्ति

locationरीवाPublished: Sep 05, 2018 06:13:19 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

पद खाली नहीं होने का हवाला…

Guest teacher is disturbed by principal in rewa, they have court order

Guest teacher is disturbed by principal in rewa, they have court order

रीवा। नियमित नियुक्ति होने तक स्थाई नियुक्ति मिले। हर वर्ष की चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं होना पड़े। इन तर्कों के साथ हाइकोर्ट का आदेश प्राप्त किया तो प्राचार्य ने पद रिक्त नहीं होने का हवाला दे दिया। बात शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनिकवार में पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहे अतिथि शिक्षक प्रदीप कुमार गुप्ता की कर रहे हैं। प्रदीप जैसा ही हाल ज्यादातर उन अतिथि शिक्षकों का है, जो कोर्ट के आदेश से स्कूल में नियमित नियुक्ति होने तक अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत रहना चाहते हैं।
आदेश का हवाला दे वापस लौटा रहे प्राचार्य
हाइकोर्ट आदेश लेकर स्कूलों में अध्यापन कार्य करना चाह रहे इन अतिथि शिक्षकों को ज्यादातर स्कूलों के प्राचार्य पद खाली नहीं होने का हवाला देकर वापस लौटा रहे हैं। प्राचार्यों ने शासन के उस आदेश को हथियार बनाया है, जिसमें यह कहा गया है कि स्कूल में संबंधित पद रिक्त होने पर ही कोर्ट से आदेश प्राप्त करने वाले अतिथि शिक्षकों को ज्वाइन कराया जाए। स्कूलों की हकीकत यह है कि पद खाली हैं, लेकिन प्राचार्य पद रिक्त नहीं होने का हवाला दे रहे हैं।
ज्यादातर विद्यालयों का है यह हाल
शाउमावि मनिकवार इसका जीता जागता उदाहरण है। नियमित नियुक्ति होने तक स्थाई नियुक्ति का कोर्ट से आदेश प्राप्त करने वाले प्रदीप का कहना है कि वह मनिकवार में पिछले पांच वर्षों से विज्ञान के शिक्षक रहे हैं, लेकिन अब जब उन्हें कोर्ट का आदेश प्राप्त हुआ है तो प्राचार्य पद रिक्त नहीं होने का हवाला दे रहे हैं। जबकि स्थिति यह है कि विद्यालय में न ही विज्ञान का कोई नियमित शिक्षक है और न ही किसी अतिथि शिक्षक की नियुक्ति की गई है। कुछ ऐसी ही स्थिति गणित के अतिथि शिक्षक संजीत गुप्ता का भी है।
डीइओ तक पहुंच रही शिकायत
कोर्ट का आदेश लेकर नियुक्ति पाने को भटक रहे अतिथि शिक्षकों की ओर से डीइओ कार्यालय में शिकायत की जा रही है। यह बात और है कि उन्हें डीइओ कार्यालय से भी कोई विशेष राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। स्थिति यह है कि एक ओर जहां अतिथि शिक्षक परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर स्कूलों में शिक्षक नहीं होने के चलते छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
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