script36 घंटे बाद भी रेस्क्यू टीम के हाथ खाली, बोरवेल में नहीं मिल पा रही मयंक की सही लोकेशन | Even after 36 hours rescue team is empty handed Mayank exact location is not found in borewell | Patrika News
रीवा

36 घंटे बाद भी रेस्क्यू टीम के हाथ खाली, बोरवेल में नहीं मिल पा रही मयंक की सही लोकेशन

खास बात ये है कि गहराई अधिक होने से बच्‍चे की सही लोकेशन ही अबतक पता नहीं चल पा रही है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर है।

रीवाApr 14, 2024 / 08:21 am

Faiz

borewell news

36 घंटे बाद भी रेस्क्यू टीम के हाथ खाली,बोरवेल में नहीं मिल पा रही मयंक की सही लोकेशन

खुले बोरवेल में फंसे 6 साल के मासूम मयंक को बचाने के लिए एनडीआरएफ समेत राहत एवं बचाव दल हर संभव प्रयास में जुटे हुए हैं, लेकिन टीमें अभी तक बोरवेल में फंसे बच्चे तक नहीं पहुंच सकी है। खास बात ये है कि गहराई अधिक होने से बच्‍चे की सही लोकेशन ही अबतक पता नहीं चल पा रही है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर हैं। शनिवार शाम से खुदाई के दौरान जमीन से पानी निकल आया है। फिलहाल, बचाव दल द्वारा पंप लगाकर पानी निकालने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, अबतक बच्चे की स्पष्ट लोकेशन तो पता नहीं चल सकी है, फिर भी रेस्क्यू टीम का अंदाजा है कि, बच्चा करीब 70 फीट गहराई पर फंसा हुआ है।

राहत एवं बचाव दल ने चार पोकलेन और आठ जेसीबी मशीनों की मदद से बोरवेल के समानांतर 70 फीट गहरा गड्ढा खोद लिया है और शनिवार देर रात 11 बजे तक टनल बनाने का काम चल रहा था, ताकि उसके जरिए बच्चे तक पहुंचा जा सके। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की पूरी टीम लगी हुई है। जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल तथा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह मौके समेत आलाअधिकारी रातभर से मौके पर मौजूद हैं।

रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि बच्चे को बचाने के प्रयास चल रहे हैं। बोरवेल की गहराई 70 फीट है। कैमरे और एलईडी के माध्यम से जानकारी ली है, उसके अनुसार 50 फीट की गहराई में बच्चे के फंसे होने की संभावना है। बोरवेल के पास टनल बनाई गई है, ताकि बच्चे तक आसानी से पहुंचा जा सके।

दरअसल, रीवा जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर जनेह थाना क्षेत्र अंतर्गत मनिका गांव में स्थानीय निवासी विजय कुमार आदिवासी का छह साल का बेटा मयंक आदिवासी शुक्रवार शाम चार बजे अपने घर के पास खेत में दोस्तों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान मयंक अचानक बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। परिजनों ने तत्काल घटना की जानकारी पुलिस को दी। घटना की सूचना मिलते ही त्योंथर एसडीम संजय जैन तत्काल रेस्क्यू दल एवं पुलिस बल के साथ घटना स्तर पर पहुंच कर राहत और बचाव कार्य जारी शुरू कराया। शाम को रीवा से एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गई।

बताया गया है कि शनिवार शाम को वोरबेल के समानांतर 70 फीट गड्ढा पूरा होने के बाद टनल बनाने का काम शुरू किया गया। समाचार लिखे जाने तक एनडीआरएफ की टीम सुरंग बनाकर बच्चे तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई थी। सख्त मिट्टी आने से मशीनों की जगह मैनुअली खुदाई की जा रही है। एसडीम संजय जैन ने बताया कि बोरवेल लगभग 70 फीट गहरा है। बच्चे को लगातार ऑक्सीजन दी जा रही है। बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। बच्चे के उपचार के लिए मेडिकल टीम भी एंबुलेंस के साथ मौके पर तैनात है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो