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शिक्षा को किया शर्मसार, बलात्कारी शिक्षक को उम्रकैद

locationरीवाPublished: Aug 24, 2019 11:31:32 pm

Submitted by:

Bajrangi rathore

शिक्षा को किया शर्मासार, बलात्कारी शिक्षक को उम्रकैद

Education embarrassed, teacher sentenced to life

Education embarrassed, teacher sentenced to life

रीवा। बलात्कारी शिक्षक को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है। दोषी यदि जुर्माने की राशि नहीं जमा करता है तो पीडि़ता को 80 हजार रुपए प्रतिकर देने का आदेश है। अभियोजन के अनुसार, 13 वर्षीया बालिका शिक्षक रामउजागर मिश्रा के घर ट्यूशन पढऩे जाती थी।
10 अगस्त 2018 को जब वह ट्यूशन पढऩे गई तो शिक्षक का परिवार कहीं बाहर गया था जिसका फायदा उठाकर आरोपी ने बलात्कार किया। इसके बाद बालिका को धमकाकर 11 अगस्त को पुन: बलात्कार किया। जब पीडि़ता ने शोर मचाने का प्रयास किया तो धमकी दी। इसके बाद पीडि़ता ने घर आकर घटना की जानकार मां को दी।
पीडि़ता को लेकर मां एवं बाबा गढ़ थाने पहुंचे और घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय में अभियोजन अधिकारी संजीव कुमार श्रीवस्तव द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों एवं तर्कों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी शिक्षक रामउजागर मिश्रा को दोषी पाते हुए धारा 376 (2) (एफ) के तहत आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपए जुर्माना।
धारा 376 (2) (एन) के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपए जुर्माना एवं धारा 376 (क) (ख) के तहत आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपए जुर्माना, धारा 506 के तहत 7 वर्ष का कारावास एवं 5 हजार रुपए जुर्माना और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास एवं 40 हजार रुपए जुमाना की सजा से दंडित किया है।
रिश्वत लेने वाले तहसीलदार के रीडर को सात साल का कारावास

रिश्वत लेने वाले तहसीलदार के रीडर को न्यायालय ने सात साल के कारावास और ४ हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन के अनुसार, मो. इबरार निवासी तरहटी रीवा ने स्वर्णकार धर्मशाला के पास स्थिति अपनी दुकान को पत्नी नइमा बेगम के नाम पर हिबा (दान) किया था। जिस पर नइमा ने तहसीलदार हुजूर के यहां नामांतरण का आवेदन लगाया था।
जहां तहसीलदार के रीडर विसर्जन साकेत ने नामांतरण कराने के लिए ५ हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इस पर नइमा ने 1 दिसंबर 2015 को लोकायुक्त में शिकायत कर दी। लोकायुक्त द्वारा जब पीडि़ता को पुन: रीडर के पास भेजा गया तो उसने रिश्वत की राशि 5 हजार से घटाकर 4 हजार कर दी।
शिकायतकर्ता ने जब अपनी गरीबी बताई तो 35 सौ रुपए में बात बनी। 2 दिसंबर 2015 को जैसे ही नइमा हुजूर तहसील कार्यालय में रीडर साकेत को 35 सौ रुपए दिए तो लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश ने विसर्जन साकेत तनय रामखिलावन साकेत सहायक गेड-2 तहसील हुजूर को भ्रष्टाचार का दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए अर्थदंड तथा धारा 13 (2) के तहत 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
पैंट में नहीं पाया गया गुलाबी रंग

ट्रैप के दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत के रुपए लेकर जिस पैंट में रखा था उस पैंट का विचारण के दौरान न्यायालय के समक्ष रखने पर जेब में गुलाबी रंग नहीं पाया गया। आरोपी ने इस बचाव के रूप में प्रस्तुत किया। जिस पर पर न्यायालय ने पैंट में गुलाबी रंग न पाए जाने को मात्र रसायनिक क्रिया का स्वभाविक परिणाम बताया और दलील खारिज कर दी।

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