ऐसे हितग्राहियों का अंगूठा पीओएस (प्वाइंट आफ सेल ) मशीन में मैच कराने के लिए विक्रेता घर-घर जाएंगे। इसके आलावा शासन ने असहाय परिवारों को नामिनी बनाए जाने की गाइड लाइन जारी की है। जिला नियंत्रक को बहुरीबांध समिति पर राशन वितरण का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने खाद्यान्न की गुणवत्ता के साथ ही राशन लेने के लिए कोटा पर पहुंचे हितग्राहियों से पूछताक्ष की। चर्चा के दौरान बताया गया कि दिव्यांगों और कई ऐसे हितग्राही हैं जो चलने फिरने में असमर्थ हैं।
सेल्समैनों ने बताया कि ऐसे कई परिवारों को सहयोग के लिए नामिनी भी नहीं मिल रहे हैं। जिला नियंत्रक ने निर्णय लिया है कि दिव्यांगों के घर-घर राशन पहुंचाया जाए। इस व्यवस्था से उन्हें सहूलियत मिलेगी। बहुरीबांध में 82 वर्षीया रानी तिवारी दिव्यांग हैं। राशन लेने के लिए दुकान तक पहुंचने में फजीहत होती है। कई बार पड़ोसियों के सहयोग लेना पड़ता है। इसी तरह जन्म से दिव्यांग सागर तिवारी, बुद्धनाथ सेन सहित आधा दर्जन दिव्यांग हैं।
जिले में हर माह 20-30 फीसदी राशन की कटौती हो रही है। जिसमें दस फीसदी अंगूठा मैच नहीं होने वाले और इससे दो गुना संख्या में बाहर रहने वाले हितग्राहियों के हिस्से के राशन में हर माह कटौती हो रही है। शासन की नई व्यवस्था एइपीडीएस लागू होने के बाद आधार लिंक नहीं कराने वाले परिवारों का राशन रोक दिया गया है।
दिव्यांगों को सहूलियत मिले इस लिए सेल्समैनों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी विक्रेता संबंधित दिव्यांगों का अंगूठा मैच कराने के उनके घर तक जाएं। इससे दिव्यांग परिवार राशन से वंचित नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा जो बुजुर्ग राशन लेने में असमर्थ हैं उनके लिए शासन ने नामिनी बनाने की गाइड लाइन तय की है।
राजेन्द्र ठाकुर, जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक